मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

स्ट्रॉबेरी की खेती से मालामाल हो सकते हैं किसान, छिंदवाड़ा में सफल रहा प्रयोग - स्ट्रॉबेरी की खेती

छिंदवाड़ा में अब किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर सकता है. इसके लिए छिंदवाड़ा में एक प्रयोग किया गया था, जो सफला रहा है. अब जिले के किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर अधिक लाभ कमा सकते हैं.

Strawberry File Photo
स्ट्रॉबेरी फाइल फोटो

By

Published : Jun 11, 2020, 12:31 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 9:25 AM IST

छिंदवाड़ा। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार कई तरह के प्रयोग कर रही है. जिसे अपनाकर किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकता है. किसान अगर खेती से ज्यादा अमदनी कमाना चाहता है, तो उसमें स्ट्रॉबेरी का अहम योगदान हो सकता है. खेती में लागत ज्यादा और मुनाफा कम होने की परेशानी से खेती को अलविदा कह रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है. छिंदवाड़ा की जलवायु स्ट्रॉबेरी की फसल के लिए उपयुक्त पाई गई है. अब छिंदवाड़ा किसान इसकी खेती कर सकते हैं.

स्ट्रॉबेरी की खेती किसानों के लिए हो सकता है लाभ का धंधा

स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान कमा सकता है मुनाफा

परंपरागत खेती में लागत ज्यादा और मुनाफा कम होने के चलते किसान आर्थिक परेशानियों से जूझता है और जिसके चलते अधिकतर किसान का मोह खेती से भंग होता जा रहा है. खेती को मुनाफे का धंधा बनाने के लिए सरकार भी कई प्रयास कर रही है. छिंदवाड़ा में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती कर अधिक लाभ कमा सकते हैं. पहले ऐसे माना कहा जाता था कि स्ट्रॉबेरी की खेती ठंडे प्रदेशों में ही हो सकती थी, लेकिन छिंदवाड़ा जिले की जलवायु स्ट्रॉबेरी के लिए अनुकूल पाई गई है.

प्रयोग के तौर पर देलाखारी संजय निकुंज में लगाई गई स्ट्रॉबेरी

उद्यानिकी विभाग ने देलाखारी के संजय निकुंज में कुछ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की फसल लगाई है, जो सफलतापूर्वक फल फूल रहा है. उद्यानिकी विभाग के उप संचालक एमएल उइके ने बताया कि बिछुआ में भी किसान ने एक हेक्टेयर में फसल लगाई है, जो काफी सक्सेज है और छिंदवाड़ा की जलवायु इसके लिए उपयुक्त है.

पठारी इलाकों में की जा सकती है स्ट्रॉबेरी की खेती

अधिकारी ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पठारी जमीन उपयुक्त होती है. जिसमें छिंदवाड़ा के देलाखारी तामिया और जुन्नारदेव की जमीन काफी अच्छी है. दरअसल इस इलाके का किसान आज भी परंपरागत और पुरानी खेती को अपनाता है. जिससे खेती में अधिकतर नुकसान ही होता है. मुश्किल से वह अपनी जीवन यापन के लायक फसल उगा पाता है, लेकिन अगर इन इलाकों में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती करता है तो उसके लिए यह वरदान साबित हो सकती है. अधिकारी ने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती करना भी बहुत आसान है. मल्चिंग और पॉलीहाउस की सहायता से आलू की तरह ही क्यारियां बनाकर स्ट्रॉबेरी लगाई जा सकती है.

स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे

  • स्ट्रॉबेरी में भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है. विटामिन सी से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है.
  • स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट के साथ ही फ्लेवोनॉइड, फोलेट और केंफेरॉल जैसे जरूरी तत्व पाए जाते हैं. जो शरीर में कैंसर पैदा करने वाले सेल को खत्म कर देते हैं.
  • अगर रोजाना स्ट्रॉबेरी का सेवन करने से तनाव के साथ-साथ दिल की बीमारी को होने से रोका जा सकता है.
  • एक शोध के मुताबिक स्ट्रॉबेरी डायबिटीज पीड़ित के शरीर के ग्लूकोज लेवल और लिपिड प्रोफाइल को बेहतर बनाती है. शोधकार्ताओं का मानना है कि रोजाना स्ट्रॉबेरी खाने से टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम भी कम होता है.
  • रोजाना स्ट्रॉबेरी का सेवन करते हैं तो ऐसे में आप के चेहरे के बंद पोर्स खुल जाते हैं. जिससे चेहरे की गंदगी आसानी से साफ हो जाती है और आपको कील-मुंहासों की समस्या से दूर हो जाती है.
Last Updated : Jun 12, 2020, 9:25 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details