छिंदवाड़ा।कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि देवउठनी एकादशी के रूप में मनाई जाएगी इसे देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागकर फिर से सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं, इस दिन से चतुर्मास की समाप्ति होती है और सभी शुभ मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, इसके बाद कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भगवान विष्णु चार महाकाल शयन काल पूरा करने के बाद जागते हैं. (dev uthani ekadashi 2022 puja time)(dev uthani ekadashi 2022 date)
देवउठनी एकादशी पर इनकी होती है पूजा:देवउठनी एकादशी पर पूजन में चने की भाजी आंवला गन्ना बेर भटा सिंघाड़ा आदि मौसमी एवं नव फलों का उपयोग किया जाता है, इस दिन से इन फलों का सेवन भी प्रारंभ कर दिया जाता है. आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार गन्ना, चने की भाजी, आंवला, बेर, बैगन, सिंघाड़ा, आदि का औषधीय महत्व भी है यह सभी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं इन्हें जो सही मात्रा में उपयोग करता है उसे डॉक्टरों के पास जाने की जरूरत नहीं होती. (dev uthani ekadashi prasad fruits and vegetables)
आंवला:विटामिन सी, विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट्स का अच्छा स्त्रोत है, इसे सुपर फ्रूट भी कहते हैं. माना जाता है कि 100 ग्राम आंवले में 20 संतरों जितना विटामिन सी होता है, आंवले में मौजूद विटामिन ए आंखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होता है.(dev uthani ekadashi 2022 drik panchang)
बैगन:पोषक तत्वों का खजाना है। इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नेशियम शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने नहीं देते. इसके फाइबर्स वजन घटाने में सहायक होते हैं, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. (Dev Uthani Ekadashi) (dev uthani ekadashi 2022)