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छिंदवाड़ा: लॉकडाउन में कम हुईं सड़क दुर्घटनाएं, पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी की आई कमी - reduction in road accidents

लॉकडाउन में सड़क हादसों में पिछले साल के मुकाबले 40 फीसदी तक की कमी आई है. यातायात डीएसपी सुदेश सिंह ने बताया कि, साल 2019 में मार्च- अप्रैल और मई के दौरान 382 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी, तो वही साल 2020 में अब तक 122 दुर्घटनाएं हुई हैं.

Special conversation with Traffic DSP Sudesh SinghSpecial conversation with Traffic DSP Sudesh Singh
यातायात डीएसपी सुदेश सिंह से खास बातचीत

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Published : May 22, 2020, 2:26 PM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना महामारी से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन से सड़क दुर्घटनाओं में भी 40 फीसदी तक की कमी आई है. साल 2019 और 2020 में सड़क दुर्घटनाओं की कमी को लेकर ईटीवी भारत से ट्रैफिक डीएसपी सुदेश सिंह ने खास बातचीत की. लॉकडाउन के दौरान सभी लोग घर के अंदर है. इसके बाद भी सड़क दुर्घटनाएं तो हुई हैं, लेकिन 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें तो, इस साल 40 फीसदी की कमी आई हैं. यातायात डीएसपी सुदेश सिंह ने बताया कि, साल 2019 में मार्च अप्रैल और मई के दौरान 382 सड़क दुर्घटनाएं हुई थी, तो वही साल 2020 में अब तक 122 दुर्घटनाएं हुई हैं. वहीं अगर सड़क दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों पर नजर डालें तो, पिछले साल इन 3 महीनों में 118 मौत हुई थी, तो वहीं इस साल 48 मौतें सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई हैं. अलग-अलग सड़क हादसों में कुल मिलाकर पिछले साल इन तीन महीनों में 507 लोग घायल हुए थे और इस साल मात्र 108 लोग अन्य दुर्घटनाओं में घायल हुए हैं.

यातायात डीएसपी सुदेश सिंह से खास बातचीत

इन आंकड़ों से लोगों को जागरूक करेगा यातायात विभाग

यातायात डीएसपी ने बताया कि, सड़क दुर्घटना में कमी आने का कारण ये है कि, लोग घर से कम निकले और जो दुर्घटनाएं कम हुई. इसलिए इन आंकड़ों को लेकर वह अब जनता के बीच में जाएंगे और लोगों को सड़क दुर्घटना से बचाव के तरीके भी बताएंगे.

'कोरोना काल में काम करना पुलिस के लिए गर्व की बात है'

यातायात डीएसपी सुदेश सिंह ने ईटीवी भारत से बताया कि, लॉकडाउन में लोगों को संभालना और नियमों का पालन करवाना कठिन था, क्योंकि किसी को भी घर में कैद रखना मुश्किल है. लेकिन फिर भी लोगों ने पूरा सहयोग किया. पुलिस विभाग के लिए इससे बड़ा गौरव का क्षण आ नहीं सकता, जब पूरे देश में पुलिस विभाग को स्वाभिमान से जीने का मौका मिला है. अधिकतर पुलिस को लोगों की बुराइयां सुनने को मिलती हैं, लेकिन इस बार सभी लोगों ने हमारे डिपार्टमेंट की सराहना की है.

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