छतरपुर। राजस्थान के पुष्कर में भगवान ब्रह्म का इकलौता मंदिर है, जहां पर उनकी पूजा की जाती है, इसके अलावा पूरी दुनिया में कहीं पर भी भगवान ब्रह्मा का कोई मंदिर नहीं है और ना ही उनकी पूजा की जाती है. लेकिन विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में एक ऐसा शिव ब्रह्मा मंदिर है, जहां मान्यताओं के मुताबिक पूजा करने से भगवान शिव और ब्रह्मदेव की पूजा फल मिलता है. इस मंदिर को लोग भगवान ब्रह्मदेव का ही मानते हैं लेकिन इस मंदिर में भगवान शिव का एक बड़ा शिवलिंग मौजूद है, जिसके चारों ओर ब्रह्मदेव के चार मुख की आकृति बनी है यही वजह है कि स्थानीय लोग इसे ब्रह्मदेव के मंदिर के रूप में मानते हैं. बता दें कि मंदिर ग्रेनाइट पत्थर से बना हुआ है और खजुराहो के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक है.
पुष्कर ही नहीं खजुराहो में भी विराजमान हैं ब्रह्मदेव, मंदिर के शिवलिंग पर उकेरी गई है आकृति - प्राचीनतम
राजस्थान के पुष्कर में दुनिया का एकमात्र ब्रह्मदेव का मंदिर है, जिसके बारे में सभी जानते हैं लेकिन खजुराहो में भी एक शिव ब्रह्म मंदिर है, इस मंदिर में भगवान शिव और ब्रह्मदेव की आकृति बनी हुई है.
खजुराहो का शिवब्रह्मा मंदिर
जानकारी के मुताबिक अन्य जगहों के मुकाबले यहां पर्यटक कम आते हैं, ये मंदिर पुरातत्व विभाग एवं पर्यटकों की उपेक्षा का शिकार हो रहा है, अगर ठीक से इस मंदिर का प्रचार-प्रसार किया जाए तो खजुराहो में पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो सकता है