छतरपुर। जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है. जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिटा कर रखा. महिला छीरावल गांव से आई थी और ऑपरेशन के बाद ,घर जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से लगभग 4 घंटे उसे जमीन पर लेटना पड़ा. हैरानी की बात ये है कि इस दौरान कई डॉक्टर वहां से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उस महिला की सुध नहीं ली.
जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, नसबंदी के बाद महिला को घंटों जमीन पर लिटाया - एंबुलेंस
जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही को देखने मिली है. जहां नसबंदी के ऑपरेशन के बाद एक महिला को घंटों जमीन पर लिटा कर रखा.
पीड़ित महिला के पति रामदास कुशवाहा का कहना है कि वो अपनी पत्नी को लेकर नसबंदी के ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल आया था. ऑपरेशन कराने के बाद वो अपनी पत्नी को घर ले जाना चाहते थे, लेकिन एंबुलेंस नहीं होने की वजह से निजी वाहन की व्यवस्था करनी पड़ी. इसी वजह से पीड़ित महिला को लगभग 4 घंटे तक जमीन पर लेटना पड़ा. हालांकि काफी मशक्कत के बाद भी महिला के लिए निजी वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई.
मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की तो उन्होंने कहा कि जानकारी मीडिया के जरिए मिली है. मामले को संबंधित डॉक्टर तक पहुंचा दिया गया है. जल्दी ही महिला को उसके घर जाने की व्यवस्था करा दी जाएगी.जिला अस्पताल में महिलाओं से जुड़ी लापरवाही के ये पहला मामला नहीं है. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया