छतरपुर। शहर में एक निजी स्कूल की मनमानी से एक छात्र अपनी पढ़ाई के लिए परेशान हो रहा है. मोनू बर्मन नाम के छात्र का तीन साल पहले आरटीई के तहत शहर के महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था, लेकिन अब स्कूल प्रशासन उसे निकालने की बात कह रहा है. स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है, वहीं छात्र के पिता ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
छतरपुर में एक निजी स्कूल की मनमानी से छात्र परेशान छात्र मोनू और उसके पिता लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. छात्र का कहना है कि वह कलेक्ट्रेट कार्यालय, जनसुनवाई, शिक्षा विभाग जैसे तमाम कार्यालयों में आवेदन दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा, मोनू का कहना है कि कुछ समय बाद उसकी वार्षिक परीक्षाएं भी है अगर ऐसा ही रहा तो वह परीक्षाओं में भी नहीं बैठ पाएगा.
पिता का कहना है कि उसके बेटे का आरटीई के तहत महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था. मेरा परिवार गरीब है और हम इस स्थिति में नहीं हैं कि महर्षि स्कूल अब जितने पैसे मांग रहा है, उतने पैसे दे पाए. यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन ने मेरे बेटे को वहां पढ़ाने से इनकार कर दिया,.
स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप
मामले में जब स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई, तो महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की कोई बात नहीं करना चाहते. छात्र का दाखिला उनके स्कूल में फर्जी तरीके से किया गया है और वह बच्चे और उसके पिता पर मामला दर्ज कराएंगे.
वहीं मामले में डीपीसी आरपी लखेरे का कहना है कि महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल से मेरी बात हुई है, लेकिन अब तक बच्चे और उसके पेरेंट्स से कोई बात नहीं हुई है. अगर महर्षि स्कूल के प्रबंधन ने बच्चे एवं उसके पिता के साथ ऐसा व्यवहार किया है, तो निश्चित तौर पर यह निंदनीय है, हम स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस जारी करके जवाब मांग रहे हैं.