छतरपुर। एक ओर जहां विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में बने तमाम मंदिरों और अन्य पुरानी चीजों पर बेहद ध्यान दिया जाता है. वहीं दूसरी और वेस्टर्न ग्रुप मंदिरों के बीच में मौजूद 200 वर्ष पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग और कर्मचारियों की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.
कचरे के ढेर में तब्दील हुई बावड़ी, पर्यटन विभाग नहीं दे रहा ध्यान
जिले के खजुराहो में बनी पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील हो रही है.
मंदिरों के बीच बनी बावड़ी बेहद खूबसूरत है और बारिश के दिनों में बावड़ी पानी से लबालब भरी रहती है. लेकिन वर्तमान में यह बावड़ी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है मंदिरों में घूमने आने वाले देसी और विदेशी पर्यटकों ने इस बावड़ी को न सिर्फ गंदा कर दिया है, बल्कि इसके अंदर पानी की प्लास्टिक बोतलों के अलावा गुटकों के पाउच भी डाल दिए हैं, जिस वजह से या खूबसूरत बावड़ी कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.
अगर पर्यटन विभाग ध्यान देता तो इस बावड़ी को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाकर वेस्टर्न ग्रुप समूह में बने मंदिरों की खूबसूरती में चार चांद लग सकती है मगर पर्यटन विभाग की लापरवाही के चलते धीरे-धीरे यह बाबरी अपने अस्तित्व को खो रही है.