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कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा गरीबों की कर रही मदद, लोगों के साथ ही जानवरों को भी खिला रही खाना

छतरपुर में लॉकडाउन के चलते कई समाजसेवी संस्थाएं असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आई हैं. लेकिन ऐसे में दिव्यांशी चौहान ने जो की कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा हैं. वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मदद से असहाय लोगों और जानवरों के लिए खाने की व्यवस्था करती हैं.

Girl student of college is helping the people in Chhatarpur
कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा गरीबों की कर रही मदद

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Published : Apr 13, 2020, 10:15 AM IST

छतरपुर। लॉकडाउन के बाद जिले में अन्य प्रदेशों में काम कर रहे मजदूर अपने अपने घरों के लिए वापस लौटने लगे थे. जिसके बाद पूरी तरह से शहर को बंद कर दिया गया. ऐसे में मजदूरों के लिए खाने की व्यवस्था कई समाजसेवी संगठन कर रहे हैं, लेकिन जिले में रहने वाली दिव्यांशी चौहान के मन में गरीब और असहाय लोगों के अलावा जानवरों को भी खाना खिलाने विचार आया. दिव्यांशी के पास ना तो पैसे थे और ना ही वह किसी समाजसेवी संस्था से जुड़ी थीं लेकिन उसने इस बात की प्रतिज्ञा कर ली थी कि वह हर हाल में यह काम करेंगी.

कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा गरीबों की कर रही मदद


सबसे पहले दिव्यांशी ने अपने परिचित सहेलियों को अपने साथ किया और एक टोली बनाई. उसके बाद दिव्यांशी अपने परिचित व्यक्ति, रिश्तेदार, सहेलियों के घर पर एक दिन पहले ही इस बात की सूचना पहुंचा देती थीं कि आज यहां से इतनी रोटियां चाहिए तो कहीं से सब्जी तो कहीं से चाय इस तरह से लोगों के लिए खाने की व्यवस्था होने लगी.

कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा गरीबो की कर रही मदद
जैसे ही लोगों के घर से बनकर खाना आता दिव्यांशी अपनी स्कूटी पर उस सामान को रखकर गली मोहल्ले और छोटे छोटे कस्बों में वितरण करने के लिए निकल जातीं. शहर में जब से लॉकडाउन हुआ है दिव्यांशी तब से लेकर आज तक लगातार लोगों के बीच में जाकर खाना वितरण कर रही हैं. दिव्यांशी सोशल मीडिया पर भी इस बात की लोगों से अपील करती हैं कि उन्हें न पैसे चाहिए न ही खाने की साम्रगी, आप जो अपने घर में खाने के लिए बना रहे हैं उसमें से थोड़ा बहुत दान कर दीजिए और यही सिलसिला लगातार आगे चलता जा रहा है.

दिव्यांशी अब तक लगभग 5 हजार लोगों को खाना खिला चुकी हैं साथ ही जानवरों के लिए भी उसी खाने में से अलग से हिस्सा निकाल दिया जाता है. दिव्यांशी भले ही बड़े स्तर पर लोगों की मदद ना कर पा रहीं हों लेकिन जिस तरह दिव्यांशी इस बुरे वक्त में लोगों की मदद कर रही हैं वह काबिल-ए-तारीफ है.

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