भोपाल। कहने को तो देश को सूचना का अधिकार कांग्रेस की देन है, लेकिन अब कांग्रेस की सरकारें या तो इस कानून से डरने लगी हैं या पारदर्शिता से बचना चाह रही हैं. ताजा मामला कमलनाथ सरकार में अशासकीय लोगों की नियुक्तियों का है. आरटीआई के तहत प्रदेश सरकार में नियुक्त किए गए अशासकीय लोगों की जानकारी मांगी गयी थी. जिस पर प्रदेश सरकार ने गोपनीयता का हवाला देते हुए चौंकाने वाला जवाब दिया.
गोपनीयता की आड़ में अपने चहेतों की योग्यता की जानकारी छुपा रही कमलनाथ सरकार
आरटीआई के तहत प्रदेश सरकार में नियुक्त किए गए अशासकीय लोगों की जानकारी मांगी गयी थी. जिस पर प्रदेश सरकार ने गोपनीयता का हवाला देते हुए चौंकाने वाला जवाब दिया है.
कमलनाथ सरकार ने आवेदक से ही फाइल नंबर मांगा है. इसके अलावा सिविल सर्विस बोर्ड की जानकारी मांगने पर भी गोपनीयता का हवाला दिया गया है. सूचना के अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे का कहना है कि सूचना के अधिकार के अंतर्गत उन्होंने सीएम कमलनाथ के सलाहकार आरके मिगलानी और ओएसडी संजय श्रीवास्तव और मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ अन्य अशासकीय लोगों की योग्यता और नियुक्ति का रिकार्ड मांगा था.
ये जानकारी मांगने पर सरकार ने कहा है कि मांगी गयी जानकारी गोपनीय. सरकार को उक्त जानकारी ढूढने में दिक्कत आ रही है. इसलिए फाइल नंबर और अन्य विवरण दीजिए. इसके अलावा इसी तरह कमलनाथ सरकार ने आईएएस अधिकारियों के तबादले के लिए बने सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक का कार्यवाही विवरण देने से बचने के लिए गोपनीयता का सहारा लिया है. नियमानुसार इस कार्रवाई का विवरण वेबसाइट पर होना चाहिए. सूचना के अधिकार आंदोलन के संयोजक अजय दुबे का कहना कि इस मामले में वह आगे तक लडाई लडे़ंगे.