भोपाल। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में मध्यप्रदेश में भी 8 सीटों पर मतदान 19 मई को होने जा रहा है. 17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही सीएम कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए है. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहीं कमलनाथ को करीब से जानने वाले नेताओं का कहना है कमलनाथ की छवि के चलते कमान क्षेत्रीय दलों के नेता हमेशा उनके संपर्क में रहते हैं.
चुनाव परिणाम आने से पहले सीएम कमलनाथ को मिली यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी
17 मई को प्रचार समाप्त होने के साथ ही सीएम कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए है. सोनिया गांधी ने कमलनाथ को लोकसभा चुनाव के परिणाम के पहले ही यूपीए का कुनबा मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि 23 मई को चुनाव परिणाम आने वाले हैं. परिणाम के पहले ही यह तय हो चुका है कि वर्तमान की केंद्र सरकार जाने वाली है और गठबंधन सरकार के आसार बन रहे हैं. ऐसे में चुनाव परिणाम के पहले ही गठबंधन मजबूत करने के प्रयास सभी राजनीतिक दल करते हैं. कमलनाथ एक अनुभवी नेता है, संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए उन्होंने तमाम दलों के साथ समन्वय का काम किया है और उनके संपर्क काफी तगड़े हैं. इसलिए कांग्रेस आलाकमान उन्हें यूपीए का कुनबा बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
बता दें कमलनाथ एक अनुभवी और मजबूत संपर्क सूत्र वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं. एक नेता के अलावा एक उद्योगपति होने के कारण राजनीति में उनके संपर्क का फायदा कांग्रेस को जमकर मिलता है. इसलिए इससे पहले की यूपीए सरकार में उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था. कमलनाथ में संसदीय कार्य मंत्री रहते हुए बेहतर फ्लोर मैनेजमेंट कर 5 साल तक सरकार चलाने में मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी की भरपूर मदद की थी. वहीं 2013 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही कांग्रेस में जान फूंकने कमलनाथ को जिम्मेदारी सौंपी गई. जिसके बाद 15 साल बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की वापसी हुई.