बुरहानपुर।पहले अधिक बारिश फिर फसलों में कीड़े और फिर प्रशासन की लापरवाही किसान को तबाह करने में लगी है. नेपानगर में तो किसानों का हाल बेहाल है, किसान अपनी फसलों को जलाने और फेंकने को मजबूर हैं, न तो उनके फसलों पर लगी लागत वापस आई न ही अभी तक कोई मुआवजा मिला, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान तक नहीं है.
मुआवजा नहीं मिलने पर फसलें जलाने को मजबूर अन्नदाता
मुआवजे के लिए किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई हैं. जिससे नुकसान किसानों का हो रहा है.
नेपानगर तहसील के 85 गांवों में करीब 696 किसानों की 500 हैक्टेयर में लगी ज्वार, सोयाबीन और मक्का की फसल खराब हो चुकी है. वहीं कपास को भी भारी नुकसान हुआ है. जिसे किसान फेंकने और जलाने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें इस फसल का सही भाव नहीं मिल पाएगा, जितने पैसे मजदूरों को देने पड़ेंगे, उससे कम में फसल बिकेगी और इन्हें आगे की फसलों की तैयारी भी करना है.
नेपानगर के साथ पूरे प्रदेश का किसान परेशान है. मुआवजे के लिए लगातार किसान सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार और राज्य सरकार अपने वर्चस्व की लड़ाई में उलझी हुई हैं. जिससे लगातार नुकसान किसानों का हो रहा है.