भोपाल।दिवाली (Diwali 2021) आते ही पटाखों से पर्यावरण के प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में पर्यावरण को देखते हुए एनजीटी हर वर्ष पटाखों पर पाबंदी लगाता है. इस वर्ष भी सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी (NGT) ने पटाखों पर रोक लगा रखी है, लेकिन आप इस बार ग्रीन दिवाली (Green Diwali) बना सकते हैं. दरअसल, युवाओं की एक टोली ने मिलकर ऐसे पटाखे तैयार किये हैं, जिनके फटने पर आवाज और धुएं की जगह फल और सब्जियों के बीज (Vegetable seeds in crackers) निकलेंगे. इन पटाखों का नाम सीड बम दिया गया है.
ग्रीन पटाखे क्या होते हैं ?
- ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है.
- इन पटाखों से जो हानिकारक गैसें निकलेंगी, वो कम निकलेंगी. कहा जा सकता है लगभग 40 से 50 फीसदी तक कम. ये कम हानिकारक पटाखे होंगे.
- सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फर गैस निकलती है, लेकिन उनके शोध का लक्ष्य इनकी मात्रा को कम करना था.
फटते नहीं हैं ग्रीन पटाखे
कई बार देखा गया कि बच्चे पटाखे फोड़ते नहीं बल्कि इसे देखकर ही खुश हो जाते हैं. कुछ देर उसे खेलने के बाद फेंक देते हैं. ऐसे में पटाखे बड़े काम के हैं. इनको बनाया ही इसीलिए गया है कि बच्चे पटाखों का मजा भी ले सकें और फिर जब जमीन पर डाल दें तो सब्जियां उग जाएं. जिससे सब्जियां भी खाने को मिल सकें.
पटाखा फटने के बाद उगेंगी सब्जियां
इन पटाखों को देखकर नहीं कहेगा कि इसमें कोई बारूद नहीं है. देखने में यह हूबहू बाजार में बिकने वाले आम पटाखों के जैसे ही होते हैं. लेकिन प्रकृति का नष्ट करने वाले बारूद नहीं बल्कि फल सब्जी फूल आदि के बीज होते हैं. जब यह पटाखे फटने के बाद खेत में पहुंच जाएंगे तो वहां सब्जियां उगने लगेंगी.