भोपाल। एमपी में मौसम (Weather) के मिजाज दिन प्रतिदिन बदलते जा रहे हैं, लगातार एक हफ्ते ड्राई रहने के बाद फिर प्रदेश का मौसम बदलने वाला है. मौसम विभाग (Meteorological Department) ने कई जिलों में बौछारें पड़ने की संभावना जताई है. बंगाल की खाड़ी में बना नया सिस्टम अब फिर प्रदेश मे बारिश करने जा रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, सूखे जिलों में भी इस बार अच्छी बारिश मिल सकती हैं.
इन जिलों में हल्की बारिश की संभावना
मौसम विभाग के वैज्ञानिक के अनुसार, जबलपुर (jabalpur) होशंगाबाद (Hoshangabad,) शहडोल (Shahdol), इंदौर (Indore) संभागों के जिलों में 18 और 19 अगस्त को बारिश का अनुमान है. इसके अलावा सूखे की मार झेल रहे है उत्तर मध्यप्रदेश के ग्वालियर, चंबल, सागर जिलों में 21 से 23 अगस्त तक भारी बारिश का अनुमान है. वहीं लागतार सूखे की मार झेल रहे उज्जैन में भी बारिश का अनुमान है.
प्रदेश के 17 जिलो में सामान्य से कम बारिश
मध्य प्रदेश के 17 जिलों में सूखे के हालात बन गए हैं, जहां सामान्य से कम बारिश देखने को मिली है. हालांकि, मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर माह में अच्छी बारिश होने के आसार हैं. ऐसे में जाता हुआ मानसून इन जिलों में बारिश की पूर्ति कर देगा. फिलहाल, पन्ना, दमोह, कटनी, जबलपुर, मंडला, बालाघाट, समेत होशंगाबाद, हरदा, खंडवा, बूहरानपुर, खरगोन, इंदौर, धार, झाबुआ जिलों में सामान्य से कम बारिश देखने को मिली है।
Weather Update: मौसम विभाग ने जारी किया बारिश का अलर्ट, जानें अपने जिले का हाल - Rain
प्रदेश में बारिश (Rain) के बाद से तपती धूप और उमस भरी गर्मी से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. मौसम विभाग ने कई जिलों में बौछारें पड़ने की संभावना जताई है. बंगाल की खाड़ी मे बना नया सिस्टम बनने से प्रदेश में एक बार फिर हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान है.
किसानों को सलाह
कृषि वैज्ञानिक ने किसानों को सलाह दी है कि जैसा मौसम का हाल (Meteorological Department Alert)चल रहा है, उसे देखते हुए वर्षा का पानी जो व्यर्थ बह रहा है, उसे खेतों के किसी एक भाग में इकट्ठा करने की व्यवस्था करें, ताकि वर्षा नहीं होने की स्थिति में फसलों की समय पर सिंचाई की जा सके, इसके अलावा खेत में हवा का संचार बढ़ाने खरपतवार कंट्रोल करने के लिए सभी खड़ी फसलों में निराई गुड़ाई का काम भी शुरू करवा दें, इतना ही नहीं जो किसान धान की रोपाई देरी से कर रहे हैं, वो रोपाई के एक हफ्ते बाद सामान्य रूप से नील हरित शैवाल 4 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से पूरे खेत में फैला दें. नील हरित शैवाल मिट्टी में 30 से 40 किग्रा प्रति हेक्टेयर डालने से मृदा में नमी बनाए रखना है.