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मध्यप्रदेश में भारी बारिश का कहर जारी, जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त

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Published : Sep 11, 2019, 1:11 PM IST

मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते मौसम विभाग ने 38 जिलों में घोषित किया अलर्ट , जिसके चलते प्रदेश के जिलों में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है.

जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त

भोपाल। मध्यप्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। सभी बांधों के गेट खोल दिए गए हैं । जगह जगह से सड़क हादसों और लोगों के बहने की खबरें आ रही हैं। भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में पानी भर रहा है लोगों के घरों का सामान पानी में डैरता हुआ नजर आ रहा है, कई जगह पर स्कूलों में पानी भरने के कारण छुट्टियां भी कर दी गई हैं, इसी बीच अगले चौबीस घंटों में फिर मौसम विभाग ने प्रदेश के 38 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। विभाग ने प्रदेश के 18 जिलों में रेड अलर्ट और 20 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग की माने तो बारिश का ये दौर अभी दो तीन दिन और चलने वाला है।

मध्यप्रदेश में भारी बारिश का कहर जारी
राजधानी भोपाल की बात करें तो पिछले चार दिनों से यहां बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है, लोगों का घरों से निकलना तक मुश्किल हो गया है, कलियासोत डेम, कोलार डेम सहित आसपास के सभी तालाब पूरी तरह भर चुके हैं, 13 साल बाद कोलार डेम के आठा गेट खोले गए हैं, नर्मदा नदी लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.

मध्यप्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बड़वानी जिले में 49 साल बाद नर्मदा का जल स्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है और साथ ही राजघाट भी टापू में तब्दील हो गया है. जिसके चलते कई मकान डूब गए हैं.
वहीं छतरपुर जिले में भारी बारिश के कारण 5 लोग पानी में फंस गए जिन्हें सही-सलामत निकाल लिया गया हैं. वही रायसेन जिले के बरेली में भारी बारिश के दौरान गर्भवती महिला बाढ़ में फंस गई थी, जिसे बचाने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाया और महिला सहित सभी लोगों को सही-सलामत निकाल लिया गया व महिला को तत्काल ही अस्पताल ले जाया गया जहां उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. वही खंडवा में भी पुलिया पार करते वक्त एक युवक नाले में बह गया जिसकी तलाश अभी जा़री है.
बता दें कि मंदसौर में गांधी सागर डेम का वॉटर लेवल 1311 फिट से ऊपर पहुंच गया हैं, जिसके बाद डेम के 14 गेट फिर खोले गये, जिससे लगातार 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो राजस्थान के कोटा जिले के राणा प्रताप सागर में पहुंच रहा है.
इसके साथ ही राणा प्रताप सागर के भी गेट खोल दिए गए हैं जिसके कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त है और फसलें भी खराब हो रही हैं. वही किसानों की मुख्य फसल सोयाबीन हैं जो लगभग 70% से ज्यादा खराब हो चुकी है, जिसके कारण किसानों को भारी खामियाजा़ भुगतना पड़ रहा हैं.
इन जिलों में रेड अलर्ट
इंदौर, धार ,खंडवा ,खरगोन ,अलीराजपुर, झाबुआ ,बड़वानी, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम ,शाजापुर, आगर ,देवास ,नीमच, मंदसौर, होशंगाबाद ,बेतुल और हरदा जिले में रेड अलर्ट जारी है.
इन जिलों में ऑरेंज अलर्ट
भोपाल ,छिंदवाड़ा ,जबलपुर ,मंडला, कटनी ,बालाघाट ,नरसिंहपुर ,सिवनी, रायसेन,राजगढ़ ,विदिशा ,सीहोर,अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, गुना, अशोकनगर, रीवा और सागर जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी हैं.
सामान्य से अधिक बारिश वाले जिले
जबलपुर, सिवनी, मण्डला, नरसिंहपुर, सागर, सिंगरौली, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर-मालवा, श्योपुरकलां, गुना, अशोकनगर, भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा और बैतूल हैं.
सामान्य बारिश वाले जिले
कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, डिण्डौरी, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, अनूपपुर, उमरिया, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, शिवपुरी और दतिया हैं. वही सामान्य से कम बारिश वाले जिले शहडोल और सीधी हैं.

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