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MP युवा कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदान जारी, प्रदेश अध्यक्ष पद के 9 दावेदार

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव के लिए आज सुबह 8 बजे से मतदान प्रक्रिया चल रही है. जो तीन दिन यानी 12 दिसंबर तक होगी. तीन घंटे में करीब पांच हजार युवा कांग्रेस के सदस्य 18 जिलों में मतदान कर चुके हैं. मतदान की प्रक्रिया शाम 4 बजे खत्म हो जाएगी.

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Published : Dec 10, 2020, 12:39 PM IST

Updated : Dec 10, 2020, 12:52 PM IST

Madhya Pradesh Youth Congress President Elect
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव

भोपाल।करीब सात साल बाद हो रहे मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव के लिए आज सुबह से मतदान प्रक्रिया जारी है. जो 12 दिसंबर तक चलेगी. ऑनलाइन मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए युवा कांग्रेस के सदस्य मतदान कर रहे हैं. चुनाव के पहले युवा कांग्रेस ने करीब साढे़ तीन लाख लोगों को सदस्य बनाया था. यह सभी सदस्य आज मतदान के जरिए अपने नए प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष को चुनने जा रहे हैं. युवा कांग्रेस के सूत्रों की मानें तो सुबह 8 बजे से शुरू हुए मतदान में 11 बजे तक करीब पांच हजार युवा कांग्रेस के सदस्य 18 जिलों में मतदान कर चुके हैं. शाम 4 बजे मतदान की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. अगले 10 दिन के अंदर मध्य प्रदेश का युवा प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा.

मतदान को लेकर युवा कांग्रेस सदस्यों में उत्साह
युवा कांग्रेस चुनाव के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया से मतदान हो रहा है. एनएसयूआई के बाद युवा कांग्रेस के सदस्य बने धनंजय गिरी बताते हैं कि मतदान सात साल बाद हो रहा है. यही वजह है कि युवा कांग्रेस के सदस्यों में और मतदाताओं में उत्साह और उल्लास है. तीन दिन तक मतदान प्रक्रिया चलेगी. सारे युवा अपने स्तर पर वोटिंग कर रहे हैं.

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव के लिए मतदान जारी


प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मैदान में 9 दावेदार

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस के संगठन चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पहले 12 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन हर्षित गुरु, अंकित डोली और विपिन वानखेड़े ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है. अब युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में सिर्फ नौ उम्मीदवार बचे हैं. करीब साढे़ तीन लाख युवा कांग्रेस के सदस्य नई युवा कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन करेंगे.


युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार

मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस के चुनाव में वैसे तो नौ उम्मीदवार मैदान में बचे हैं, लेकिन यहमुकाबला चतुष्कोणीय माना जा रहा है. सतना से विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा, पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया और एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के बीच में यह मुकाबला माना जा रहा है.


दिग्गजों के हस्तक्षेप से हाई प्रोफाइल हुआ युवा कांग्रेस का चुनाव

वैसे तो यह चुनाव मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हो रहा हैं, लेकिन अपने समर्थकों को जिताने के फेर में दिग्गजों के हस्तक्षेप के चलते यह मुकाबला हाईप्रोफाइल हो गया है. राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया का समर्थन कर रहे हैं. तो दूसरी तरफ पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और कुणाल चौधरी पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव के भतीजे संजय यादव के लिए समर्थन कर रहे हैं. वहीं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े जो कि विधायक बन चुके हैं. उन्होंने अपना समर्थन एनएसयूआई के प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी को दिया है.

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अगला युवा कांग्रेस अध्यक्ष एनएसयूआई से ही चुना जाएगा

एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक विपिन वानखेड़े के समर्थन पर विवेक त्रिपाठी का कहना है कि एक लंबे समय तक मैंने एनएसयूआई के लिए काम किया है. प्रदेश में काम करने का अनुभव है, लगभग सभी जिलों में हमारी टीम है. उस टीम ने निर्णय लिया था कि प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मैं चुनाव लड़ूं. उनकी सहमति के बाद में चुनाव में खड़ा हुआ हूं. पूरे मध्यप्रदेश के एनएसयूआई के कार्यकर्ता मेरे साथ हैं, इसलिए मैं समझता हूं कि अगला युवा कांग्रेस अध्यक्ष एनएसयूआई से ही चुना जाएगा.

'दिग्गजों के हस्तक्षेप से किसी कैंडिडेट को नहीं मिलेगा लाभ'

अपने समर्थकों को जिताने के लिए दिग्गजों के हस्तक्षेप को लेकर विवेक त्रिपाठी ने कहा कि बड़े नेता कह सकते हैं कि इसको वोट दो पर मध्य प्रदेश के समझदार युवा और एनएसयूआई के कार्यकर्ता जानते है कि जमीनी स्तर के कार्यकर्ता को संगठन में शीर्ष स्तर पर बिठा दें. तो यहां पर कार्यकर्ताओं की पूछ परख बढ़ेगी. कार्यकर्ताओं के हितों में संगठन फैसला लेगा. आगामी नगरीय निकाय चुनाव में अधिक से अधिक युवाओं को टिकट दिलाने की जिम्मेदारी भी जमीनी कार्यकर्ताओं की रहेगी. मैं समझता हूं कि बड़े नेता हस्तक्षेप तो कर सकते हैं, लेकिन उसका लाभ किसी उम्मीदवार को मिलने वाला नहीं है.

Last Updated : Dec 10, 2020, 12:52 PM IST

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