भोपाल। कोरोना वायरस ने हर उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बनाया है. चाहे वे बड़े हो या फिर बच्चे. सभी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. इस महामारी का असर समूचे समुदाय में हुआ है, पर बच्चों में इसके गहरे दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं.
कोरोना से संक्रमित हुए बच्चों में डर, चिंता, तनाव, अवसाद, नींद ना आना, भूख न लगना जैसे साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे है. साथ ही बच्चों पर कोविड-19 से पॉजिटिव होना, आइसोलेशन और क्वारंटाइन केंद्रों में भर्ती होना गहरे तनाव और दुख का कारण बन रहा है.
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बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर हो रहे नकारात्मक प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा इंडिया को-विन एक्शन नेटवर्क, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज के विशेषज्ञ और मनोरोग चिकित्सकों के सहयोग से बच्चों के लिए निशुल्क टेली परामर्श सेवाएं शुरू की गई हैं. टैली परामर्श सेवा के जरिए बच्चे चिकित्सकों से अपनी समस्या बता सकते हैं.
प्रदेश में भी अब स्वास्थ्य संचनालय ने सभी कोविड-19 के नियंत्रण, प्रबंधन और इलाज में लगे कार्यरत मैदानी अमलों और सेंटर, डेडीकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर और डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में भर्ती बच्चों सहित उनके परिजनों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.