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MP में 1 दिन का विधानसभा सत्र कल से. ऑनलाइन जुड़ेंगे विधायक, सदन में मौजूद होंगे 57 सदस्य

कोरोना काल के बीच 21 सितंबर से मध्य प्रदेश विधानसभा का विशेष सत्र शुरु होने जा रहा है. विधानसभा का विशेष सत्र केवल एक दिन ही चलेगा. इस दौरान भी सभी दलों के केवल 57 विधायक ही सदन में मौजूद होंगे. सदन की कार्यवाही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 16 मंत्रियों सहित बीजेपी के 32, कांग्रेस के 22 और 1-1 बीएसपी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायक सदन के भीतर सत्र की कार्यवाही में सीधे भाग लेंगे.

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Published : Sep 20, 2020, 10:20 AM IST

Updated : Sep 20, 2020, 12:47 PM IST

भोपाल। एमपी में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही विधानसभा का सत्र पूरी तरह आयोजित नहीं हो पाया है. कोरोना संकट काल के दौरान विधानसभा की कार्यवाही पर संक्रमण का साया साफ तौर पर दिखा रहा है. यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बना ली लेकिन सत्र अब तक सुचारु रुप से नहीं चल सका. इस बार मानसून सत्र सिर्फ 1 दिन का होगा जिसमें कांग्रेस और बीजेपी समेत सभी दलों के सीमित सदस्य ही मौजूद रहेंगे. 57 विधायकों की मौजूदगी के साथ सोमवार 21 सितंबर को सदन शुरु और स्थगित दोनों हो जाएगा.

अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष

भले हीं राज्य में शिवराज सिंह की सरकार बने 6 माह का समय हो चुका है. लेकिन अब तक स्थाई तौर पर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी संपन्न नहीं हो पाया. अभी भी यह जिम्मेदारी प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा संभाल रहे हैं. सोमवार से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की तैयारी की गई थी, वैसे तो यह सत्र तीन दिनों के लिए आयोजित होना था. लेकिन जिस तरह से भोपाल में संक्रमण फैल रहा है उसे देखते हुए विशेष सत्र को एक दिन में समेट दिया गया. मानसून सत्र भी संवैधानिक बाध्यता के चलते ही बुलाया जा रहा है.

ऑनलाइन जुड़ेंगे विधायक

एक दिवसीय विशेष सत्र में यह कोशिश की जाएगी कि कार्यवाही कम से कम समय में ही समाप्त हो जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 16 मंत्रियों सहित बीजेपी के 32, कांग्रेस के 22 और 1-1 बीएसपी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायक सदन के भीतर सत्र की कार्यवाही में सीधे भाग लेंगे. अन्य विधायकों के लिए राष्ट्रीय सूचना केंद्र के जिला कार्यालयों में ऑनलाइन जोड़ने की व्यवस्था की गई है. इस दौरान यदि कोई विधायक सदन में बिना मास्क के आता है तो उसे किसी भी हाल में बोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा विधानसभा में आने वाले सभी मंत्री विधायकों की थर्मल स्क्रीनिंग भी मुख्य द्वार पर की जाएगी. इस बार बैठक व्यवस्था में भी कुछ परिवर्तन दिखाई देगा जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इस दौरान केवल बजट पेश किया जाएगा और उसके बाद विधानसभा का यह सत्र स्थगित कर दिया जाएगा.

जरुरी लोगों की ही लगेगी ड्यूटी

वहीं विधानसभा के अधिकारियों और कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण की जांच शुक्रवार से ही की जा रही है. जिन लोगों की आवश्यकता है उन्हें ही सत्र के दिन विधानसभा ड्यूटी पर बुलाया जा रहा है, क्योंकि कोरोना संक्रमण का असर विधानसभा के अंदर काम करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों तक पहुंच चुका है. अब तक कई कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी और कांग्रेस के कई विधायक भी संक्रमित हैं. ऐसी स्थिति में प्रोटेम स्पीकर के द्वारा भी समस्त विधायकों से निवेदन किया गया है कि कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमित व्यक्ति को कम से कम 21 दिन किसी के संपर्क में नहीं आना चाहिए और ऐसे में कोई भी विधायक इस नियम के दायरे में आता है तो उसे सदन में नहीं आना चाहिए.

कोर्ट की गाइडलाइन का होगा पालन

विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में आने वाले समस्त विधायकों की जांच के लिए सोमवार को कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं. विधानसभा के विशेष सत्र में केवल शासकीय कामकाज जैसी औपचारिक कार्यवाही ही संपन्न कराए जाने का फैसला हुआ है. अब तक करीब 15 अध्यादेशों को सदन की कार्यवाही में शामिल करने के लिए विधानसभा सचिवालय को सूचना मिल चुकी है. बताया जा रहा है कि सत्र की कार्यवाही एक घंटे में समाप्त होने की संभावना है.

Last Updated : Sep 20, 2020, 12:47 PM IST

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