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शराब कारोबारियों के लिए शिवराज सरकार का फरमान, 27 मई तक नहीं खोली दुकानें तो नए सिरे से होगी नीलामी - Shivraj government

प्रदेश सरकार के आदेश के बाद भी शराब दुकानें नही खोलने वाले ठेकेदारों को सरकार ने नोटिस जारी कर 27 मई तक दुकान खोलने को कहा है. सरकार ने ऐसा नहीं करने वालों का ठेका निरस्त कर धरोहर राशि जब्त करने के आदेश जारी किए हैं.

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Published : May 23, 2020, 1:21 PM IST

भोपाल | प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने शराब की दुकानों पर लगी पाबंदी को हटा तो दिया है, लेकिन शराब कारोबारी संक्रमण के डर के कारण दुकान खोलने को तैयार नहीं है. शराब ठेकेदार लॉक डाउन की अवधि में दुकान तक खोलने के निर्णय को लेकर अड़े हुए हैं. जिसे देखते हुए शिवराज सरकार ने भी अब सख्त रुख अपना लिया है. ठेकेदारों को चेतावनी दी गई है कि वे 27 मई तक अपनी दुकानें खोलें अन्यथा ठेका निरस्त कर धरोहर राशि जब्द कर ली जाएगी और फिर एक बार नए सिरे से ठेके की नीलामी की जाएगी.

जारी आदेश की प्रति

राज्य शासन की ओर से ठेकेदारों को साफ कर दिया गया है कि वह जल्द निर्णय लेते हुए 27 मई तक हर हाल में शराब की दुकान खोलें, अन्यथा एक बार फिर से नए सिरे से छोटे समूह या एक कल दुकानों की नीलामी किए जाने का प्रावधान शुरू कर दिया जाएगा. ठेकेदारों को विकल्प भी दिया जा रहा है कि यदि वे इसे स्वीकार करते हैं तो कुछ रियायतें सरकार की ओर से भी दी जाएंगी.

राजस्व की आय बढ़ाने के लिए गठित की गई मंत्री समूह की बैठक में यह सभी अहम निर्णय लिए गए हैं और इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को सौंप दी गई है. बताया जा रहा है कि इस पर सहमति भी बन गई है, वाणिज्यकर कर विभाग की ओर से एक-दो दिन में विकल्प का प्रोफार्मा जारी किया जाएगा, इस पर भी सहमति या असहमति नहीं जताते हैं तो मौजूदा अनुबंध की शर्तों के मुताबिक राशि जमा करवानी होगी.

27 मई तक यदि राशि जमा नहीं करवाई जाती है तो सरकार ठेका निरस्त कर नए सिरे से दुकानों को नीलाम करने की कार्रवाई करेगी. ठेकों को ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है. नए ठेके एकल दुकान या छोटे समूह में किए जाएंगे. ठेकेदारों को खपत घटने और लॉक डाउन के दौरान दुकानें बंद रहने से जो राजस्व की हानि हुई है, उसके लिए कुछ रियायत दी जा सकती है. वहीं दूसरी ओर वाणिज्यकर कर विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि जिन ठेकेदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है उन पर 24 मई तक कोई अंतिम निर्णय ना लिया जाए शासन स्तर पर विकल्पों पर विचार किया जा रहा है .

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