भोपाल। आज हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसलों पर मुहर लगी है. वहीं कैबिनेट बैठक में मध्यप्रदेश के लघु, सीमांत और खेतिहर मजदूरों को सूदखोरों के चंगुल से मुक्ति मिलेगी. शिवराज मंत्रिमंडल मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की मुहर लगने के बाद विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है. विधेयक के लागू होने के बाद 15 अगस्त 2020 तक लिए गए सभी अवैध ऋण माफ किए जाएंगे.
कैबिनेट ने विधेयक को दी मंजूरी विधेयक से इन किसानों को मिलेगा फायदा
शिवराज मंत्रिमंडल द्वारा पास किए गए मध्यप्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक 2020 से प्रदेश के खेतिहर मजदूरों यानी जो किसान दूसरों के खेतों पर काम करते हैं, दूसरा सीमांत किसान जिसके पास आधा हेक्टेयर या एक हेक्टेयर सिंचित जमीन है और तीसरा ऐसे किसान जिन आधा हेक्टेयर से लेकर 1 हेक्टेयर सिंचित भूमि हो या 2 हेक्टेयर तक संचित भूमि हो यह सभी किसान इस विधेयक से लाभान्वित होंगे.
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि 15 अगस्त 2020 तक गैर लाइसेंस धारी सूदखोरों से लिए गए सभी अवैध ऋण माफ किए जाएंगे. इस विधेयक के दायरे में बिना लाइसेंस धारी मोटे ब्याज पर ऋण देने वाले सूदखोर ही आएंगे. अनुसूचित जनजाति ऋण मुक्ति विधेयक के तहत अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले जनजातीय लोगों को इस तरह की अवैध ऋणों से पहले ही मुक्त किया जा चुका है. कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश ग्रामीण ऋण मुक्ति विधेयक में वैध लाइसेंस जारी साहूकार द्वारा शासन की निर्धारित दरों पर ऋण देने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा. वह नियम अनुसार ऋण देकर उसकी वसूली कर सकेंगे.
खाद्य उद्यम उन्नति योजना के लिए 500 करोड़ की मंजूरी
कैबिनेट की बैठक में केंद्र की खाद उद्यम उन्नत योजना के तहत 500 करोड़ के बजट के प्रावधान को कैबिनेट की मंजूरी दी गई है. इसके तहत प्रदेश में कोल्ड स्टोरेज वेयर हाउस, इनक्यूबेशन सेंटर के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए जाने पर कृषि उत्पादक समूह स्व सहायता समूह सहकारी समितियों को 35 पीसी क्रेडिट लिंकेज प्रदान की जाएगी.