भोपाल।सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी को प्रमोशन में (decision of supreme court) आरक्षण के पैमाने तय करने में दखलंदाजी से इनकार कर दिया है. SC के निर्देश के बाद एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साफ कियाहै कि राज्य सरकार अभी कोर्ट के निर्देश का अध्ययन कर रही है और इस पर कानून के जानकरों की राय ली जाएगी. इसी के बाद किसी अंतिम फैसले की तरफ बढ़ा जा सकता है. हालांकि कोर्ट के इस फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है. गृहमंत्री ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के कैडर के हिसाब से डाटा तैयार करने की बात कही थी जिसे कोर्ट ने मान लिया है. अब इस पर विधि विशेषज्ञों से सलाह ली जाएगी और कर्मचारियों के हित में जो भी बेहतर होगा वो किया जाएगा.
अब कहां हैं कमलनाथ और उनके वकील: बीजेपी
वहीं बीजेपी प्रवक्ता डॉक्टर हितेश वाजपेयी ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्री समूह का गठन किया है. हाल ही में इस पर बैठक कर विचार विमर्श किया गया था, कि कैसे इन जातियों को हम सामाजिक न्याय दे सकते हैं. आगे जो भी निर्देश कोर्ट देगा हम उसका पालन करेंगे. वहीं उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ बड़ी-बड़ी बातें करते थे, जब इस जाति के लोगों को न्याय की जरुरत है तब कमलनाथ और उनके वकील कहां हैं. एक तरफ सीएम शिवराज सिंह हैं जो एससी-एसटी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बीजेपी कांग्रेस आमने सामने
लोगों का शोषण कर रही शिवराज सरकार: कांग्रेस
OBC आरक्षण को लेकर बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे हैं. अब कोर्ट के निर्देशों के बाद जहां बीजेपी कांग्रेस से सवाल कर रही है वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार किया है कि यह आदेश कोर्ट पूर्व में भी दे चुका है. कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले 15 सालों से प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, लेकिन बीते 5 सालों में इन्होंने ना तो डेटाबेस तैयार किया और ना ही न्यूमैरोलॉजिकल डिटेल सरकार के पास है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कोई माई का लाल नहीं है जो आरक्षण को खत्म कर दे, उसके बाद भी सरकार ने डाटा तैयार नहीं किया. शिवराज लोगों का शोषण कर रहे हैं, SC-ST कैटेगरी के लोगों को बरगला रहे हैं. (BJP Congress face to face on Supreme Court decision)