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भोपाल रेलवे स्टेशन हादसा: कांग्रेस ने रेलमंत्री की चुप्पी पर उठाए सवाल, शिवराज पर भी साधा निशाना

राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन फुट ओवरब्रिज का एक हिस्सा गिरने को लेकर सियासत शुरू हो गई है, जहां प्रदेश कांग्रेस ने रेलवे स्टेशन पर हुई फुट ओवर ब्रिज घटना को बेहद दुखद और अफसोस जनक बताया है.

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Published : Feb 13, 2020, 6:41 PM IST

railway station accident
भोपाल रेलवे स्टेशन हादसा

भोपाल। राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन पर हुए ओवर ब्रिज हादसे को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस ने रेलवे स्टेशन पर हुई फुट ओवर ब्रिज घटना को बेहद दुखद और अफसोस जनक बताया है. कांग्रेस ने कहा है की मुख्यमंत्री कमलनाथ के द्वारा प्रशासन को घायलों के इलाज और हर संभव मदद की जानकारी देने के लिए कहा गया है. वहीं कांग्रेस ने इस मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल से कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करने और शिवराज सिंह के द्वारा गलत ट्वीट कर घायलों के परिजनों की भावनाओं को आहत करना बताया है. गौरतलब है की आज हुई इस घटना को लेकर रेल यात्री और स्टेशन बेंडर पहले ही चिंता जता चुके थे.

भोपाल रेलवे स्टेशन हादसा

एमपी कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा है की भोपाल स्टेशन पर फुट ओवरब्रिज का एक हिस्सा गिरने से 9 लोगों के घायल होने की घटना बेहद दुखद है. इस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जहां एक ओर प्रशासन को घायलों के इलाज के लिए हर संभव सहायता के निर्देश दिए थे. तो वही बात-बात पर ट्वीट करने वाले असंवेदनशील रेल मंत्री पीयूष गोयल के द्वारा इस गंभीर हादसे के बाद किसी मदद की घोषणा तो दूर, कोई प्रतिक्रिया व्यक्त ना करना बेहद अफसोसजनक हैं. वही इससे ज्यादा दुख की बात ये है की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मुद्दे पर अपनी अपरिपक्वता और संवेदनशीलता का प्रदर्शन करते हुए दुर्घटना में 2 लोगों की मौत की बात कहते हुए गलत ट्वीट किया है.

उन्होंने कहा की ये आश्चर्यजनक है की केवल रेलवे सुरक्षा के लिए ही 70 हजार करोड़ रुपए का बजट होने के बावजूद दुर्घटनाओं में किसी तरह की कमी नहीं आई है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट के माध्यम से जश्न और जलसे की तस्वीरें तो लगातार पोस्ट करते हैं, लेकिन दुर्घटना को लेकर किसी तरह से किसी मदद की घोषणा तो दूर बल्कि प्रतिक्रिया हीन बने रहना, उनकी और उनकी पार्टी की केंद्र सरकार की संवेदनशीलता का बेहद गंभीर उदाहरण है. इस पूरे मामले में रेलवे की लापरवाही का आलम ये रहा की पिछले कुछ दिनों से स्थानीय वेंडर्स के द्वारा लगातार फुट ओवरब्रिज पर दुर्घटनाओं की संभावनाओं के प्रति आगाह किए जाने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया.

शोभा ओझा ने कहा की हर मामले में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए आतुर रहने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मामले में आज असंवेदनशीलता का प्रदर्शन करते हुए जिस तरह से दो घायलों की मृत्यु की गलत जानकारी देने का ट्वीट किया. उससे न केवल घायलों के परिजनों की भावनाएं आहत हुई, बल्कि शिवराज सिंह और भाजपा की असंवेदनशीलता भी उजागर हो गई है.

वही उन्होंने कहा की सितंबर 2017 में मुंबई के रेलवे स्टेशन पर इसी तरह फुट ओवर ब्रिज गिरने से हुई 22 लोगों की मौत और 45 लोगों के घायल होने के बाद भी रेलवे मंत्रालय के कानों पर कोई जू नहीं रेंगी. अगर मामले की गंभीरता से संज्ञान लेते हुए आवश्यक कदम उठाए गए होते, तो आज वार्षिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं होता. केवल पिछले साल में 73 रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं.

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