भोपाल। कमलनाथ सरकार, शिवराज सिंह चौहाने के कार्यकाल के एक बड़े फैसले को पलटने जा रही है. दरअसल शिवराज सरकार ने प्रदेश की 113 ग्राम पंचायतों को मिलाकर 30 नगर परिषदों का गठन किया था, लेकिन अब कमलनाथ सरकार पूर्व सीएम शिवराज के इस फैसले को पलटते हुए इन सभी नगर परिषदों को फिर से ग्राम पंचायत बनाने जा रही है. नगरीय प्रशासन विभाग के इस प्रस्ताव को अभी कैबिनेट की मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन कमलनाथ सरकार के इस फैसले को लेकर सियासत शुरू हो गई है.
जमकर हो रही सियासत
बीजेपी का कहना है कि कमलनाथ सरकार को अगर बीजेपी से दिक्कत है, तो वो जनता से क्यों बदला ले रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि इन ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में बदलने का उद्देश्य राजनीतिक था, ना कि ग्राम पंचायतों के विकास का उद्देश्य था. इसलिए सरकार ये फैसला पलट रही है. हालांकि कमलनाथ कैबिनेट में अब ये प्रस्ताव नहीं आया है और उम्मीद है कि इन इलाकों के मंत्री इस फैसले का विरोध कर सकते हैं.
113 ग्राम पंचायतों को मिलाकर 30 नगर परिषद
दरअसल, शिवराज सरकार ने 2016- 2018 में 113 ग्राम पंचायतों को मिलाकर 30 नगर परिषदों का गठन किया था. अब कमलनाथ सरकार इन 30 नगर परिषदों का विघटन कर फिर से इन्हें ग्राम पंचायत में बदलने जा रही है. शिवराज सरकार ने 2016 में 9 नगर परिषद का गठन किया था और चुनावी साल 2018 में 21 नगर परिषदों का गठन किया था. अभी तक इन नगर परिषदों में चुनाव नहीं हुए हैं. आगामी नगरीय निकाय चुनाव नगरीय निकाय एक्ट में संशोधन के बाद संपन्न होने वाले हैं और सरकार अगर शिवराज सरकार के फैसले को पलट देती है, तो नगर परिषद विघटित होकर 113 ग्राम पंचायतों में पंचायत चुनाव होंगे.