भोपाल। राजनीति में भी हर मर्ज के इलाज के लिए एक ही दवा नहीं होती. तो पूरे मध्यप्रदेश में भले शिवराज बीजेपी के खेवनहार बने हों और लगातार घोषणाओं के साथ पांचवी पारी की राह बना रहे हों लेकिन, मध्यप्रदेश का विंध्य इलाका बीजेपी की अग्नि परीक्षा लेगा. इसका ट्रेलर निकाय चुनाव में दिखाई दे गया है. क्या यही वजह है कि बीजेपी के लिए बिगड़ती दिखाई दे रही विंध्य की सियासी सेहत को संभालने अब पीएम मोदी को मैदान संभालना पड़ रहा है. यूं देखिए तो 24 अप्रैल का पीएम मोदी का रीवा दौरा कई सारी सौगात लिए है लेकिन, इन सौगातों के पीछे सियासत भी है कि 2018 में हार के बावजूद बीजेपी को मुस्कुराने की वजह देने वाले विंध्य की डगर 2023 में क्यों मुश्किल हो गई है.
पीएम मोदी का विंध्य दौरा, सौगात और सियासत:24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के मौके पर रीवा आ रहे पीएम मोदी विंध्य इलाके को कई सौगातें देने वाले हैं. वे यहां पीएम आवास योजना के चार लाख से ज्यादा घरो को वर्चुअल ढंग से लाभार्थियों को सौपेंगे. इसी कार्यक्रम में सवा करोड़ से ज्यादा हितग्राहियों को भू अधिकार के पट्टे भी दिए जाएंगे और इसी दौरान पीएम मोदी जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की शुरुआत भी करेंगे. ये योजनाएं सात हजार करोड़ से ज्यादा की हैं. सौगातों का ये सिलसिला पहला नही है. चुनावी साल लगने से पहले इसकी शुरुआत हो गई थी. इसके पहले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विंध्य में 1004 करोड़ की 2.82 किमी लंबी टनल का लोकार्पण किया. केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधियाने रीवा को हवाई अड्डे की सौगात दी लेकिन अब लगाई जा रही सौगातों की ये झड़ी ये बता रही है कि चुनावी साल में खाई पाटने की कोशिश है. निकाय चुनाव के नतीजों ने बता दिया कि विंध्य के मामले जनता का नजरिया बीजेपी के लिए हुजूर आते-आते बहुत देर कर देने वाला है.