भोपाल। प्रदेश में पिछले 65 दिनों से लॉकडाउन लागू है. ऐसी विषम परिस्थितियों में लोग अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं, तो वहीं स्कूलों की पढ़ाई भी पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है. हालांकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जरूर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों के बावजूद भी निजी स्कूलों द्वारा लगातार मनमानी की जा रही है. ताजा मामला राजधानी के निजी स्कूल से जुड़ा हुआ है, जिसकी शिकायत बाल आयोग में भी की गई है.
जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहले भी भोपाल के दो निजी स्कूलों की शिकायत आई थी, जो करीब 600 अभिभावकों से फिजूल में फीस मांग रहे थे. जिला शिक्षा अधिकारी ने दोनों स्कूलों को नोटिस देकर हिदायत दी है कि अगर फीस का संयोजन नहीं किया गया, तो मान्यता निरस्त भी की जा सकती है.
इसके अलावा राजधानी के एक और निजी स्कूल की भी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और बाल आयोग के समक्ष पहुंची है. इस शिकायत में बताया गया है कि प्रबंधन ने कक्षा 11वीं के छात्र के लिए स्ट्रीम अलॉटमेंट फीस 3 हजार रुपए जमा करने की अंतिम तिथि 5 जून 2020 तय कर दी है. साथ ही कहा गया है कि अगर फीस जमा नहीं होगी, तो 10 जून से शुरू होने वाले ऑनलाइन कक्षाओं के ग्रुप से विद्यार्थियों को रिमूव कर दिया जाएगा.
मामले की शिकायत लगते ही मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने मामले को संज्ञान में लिया है. इससे पहले भी कुछ प्राइवेट स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस सहित अन्य शुल्क मांगे जाने और कुछ एडवांस लिए जाने जैसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी अभिभावकों द्वारा लगातार शिकायतें की जा रही है.
बाल आयोग के सदस्य बृजेश चौहान ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखते हुए कहा कि निजी स्कूल के कक्षा ग्यारहवीं के कुछ बच्चों ने आयोग को यह सूचना दी है कि स्कूल के ग्रुप में स्कूल प्रबंधन द्वारा स्ट्रीम चेंज फीस 3 हजार रुपए मांगी जा रही है, जिसकी अंतिम तिथि 10 जून 2020 तय की गई है. साथ ही स्पष्ट रूप से मैसेज के माध्यम से भी कहा गया है कि अगर स्ट्रीम चेंज फीस तय की गई अवधि तक जमा नहीं की गई, तो ऑनलाइन क्लास में बैठने नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि शासन द्वारा फीस के संबंध में 24 अप्रैल और 16 मई 2020 को जारी आदेशों के परिपालन में फीस समायोजित करने और शासन के निर्देशानुसार सिर्फ ट्यूशन फीस लेने, सत्र 2020-2021 में फीस बढ़ोतरी नहीं करने, ऑनलाइन क्लासेस में किसी भी तरह का दबाव नहीं बनाने और ना ही कोई शुल्क लिए जाने के निर्देश प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए थे.
इसके बावजूद भी निजी स्कूल लगातार इन आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी से कहा है कि शासन के आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए इन सभी निजी स्कूलों को पत्र लिखकर सूचित करें, ताकि इस तरह के मामले दोबारा ना सामने आ सकें. जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए स्कूलों को नोटिस जारी कर दिए हैं. साथ ही उनसे फीस मांगने का कारण भी पूछा है. शासन के आदेश नहीं मानने पर इन निजी स्कूलों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है.