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पंचायत सचिव 20-21 अगस्त से सामूहिक अवकाश पर, सरकार के सामने रखीं ये मांगें - pen stop strike

मध्यप्रदेश में उपचुनाव के पहले कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश के संयुक्त कर्मचारी अधिकारी मोर्चा ने 24 अगस्त से कलम बंद हड़ताल का ऐलान किया है, तो दूसरी तरफ पंचायत सचिव अपनी उपेक्षा को लेकर सरकार के खिलाफ सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं.

Shivraj Singh Chauhan
शिवराज सिंह चौहान

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Published : Aug 18, 2020, 12:21 PM IST

भोपाल।प्रदेश में उपचुनाव के पहले कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. एक तरफ जहां प्रदेश के संयुक्त कर्मचारी अधिकारी मोर्चा ने 24 अगस्त से कलम बंद हड़ताल का ऐलान किया है, तो दूसरी तरफ पंचायत सचिव अपनी उपेक्षा को लेकर सरकार के खिलाफ सामूहिक अवकाश पर जा रहे हैं. पंचायत विभाग में संविलियन, सातवां वेतनमान और अनुकंपा सरलीकरण जैसी मांगों को लेकर 20-21 अगस्त को पंचायत सचिव सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. पंचायत सचिवों का कहना है कि अगर उपचुनाव के पहले सरकार ने उनकी मांगों का निराकरण कर दिया, तो वह सरकार के कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे.

सरकार की उपेक्षाओं से नाराज पंचायत सचिव

पंचायत सचिव सामूहिक अवकाश पर

मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन का कहना है कि प्रदेश के 23 हजार पंचायत सचिवों के साथ सौतेले व्यवहार की इंतेहा हो गई है. प्रदेश के छह लाख कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दिया गया, तो 23 हजार पंचायत सचिवों की उपेक्षा क्यों की गई ? वहीं पंचायत विभाग में संविलियन और छठवें वेतनमान में सेवा काल की गणना 2008 से करके पंचायत सचिवों की 15 साल की सेवाओं का खात्मा किया गया है. इसके अलावा अनुकंपा के आश्रित आरक्षण और कंप्यूटर ऑपरेटर दर-दर ठोकरें खा रहे हैं. अब पंचायत सचिव संगठन शांत नहीं बैठेंगे. उपचुनाव के पहले सरकार को पंचायत सचिवों की मांगों का निराकरण करना ही होगा, अपनी मांगों को लेकर पंचायत सचिव संगठन ये शंखनाद 20 अगस्त से शुरू करेंगे.

मंत्री और अधिकारियों के नाम सौंपेंगे ज्ञापन

प्रदेश पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि प्रदेशभर के पंचायत सचिव 20 अगस्त से 2 दिन के लिए सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और प्रदेश की सभी 313 जनपद मुख्यालय और 52 जिला मुख्यालयों पर मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, अपर मुख्य सचिव एवं आयुक्त पंचायत राज के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, एसडीएम और जनपद सीईओ को सौंपेंगे. साथ ही मांग करेंगे कि उपचुनाव के पहले पंचायत सचिवों की महत्वपूर्ण मांगों पर सरकार फैसला करे. सामूहिक अवकाश में पंचायत सचिव प्रशासनिक अधिकारियों की किसी भी बैठक, समीक्षा और ग्राम पंचायत में उपस्थित नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अवकाश पर रहकर सिर्फ अपने अधिकारों की आवाज को बुलंद करेंगे.

दिनेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश में किसी की भी सरकार रही हो पंचायत सचिवों के साथ धोखा हुआ है, लेकिन अब पंचायत सचिव संगठन सरकार की अड़गे बाजी, वादाखिलाफी और उपेक्षा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ेंगे. पंचायत सचिव संगठन ने साफ तौर पर कहा है कि अगर उपचुनाव के पहले मांगें नहीं मानी गईं तो ठीक नहीं होगा.

प्रमुख मांगे...

  • छठवें वेतनमान में सेवा काल की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाए.
  • सातवें वेतनमान 2018 से लागू करने और अनुकंपा में रोस्टर, कंप्यूटर और आमेलन की शर्ते हटाकर सरलीकरण करें.
  • पंचायत सचिव का ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन करें.

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