भोपाल|प्रदेश के श्रम कानून में सीएम शिवराज सिंह चौहान के द्वारा कुछ बदलाव किए गए हैं. सरकार का उद्देश्य है कि, प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा निवेशकों को लाया जाए. साथ ही प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाकर रोजगार के अवसर में वृद्धि, नए निवेश को प्रोत्साहित करने और श्रमिकों के हितों की रक्षा के उद्देश्य श्रम सुधारों की घोषणा की गई है. श्रम कानून में किए गए परिवर्तन को लेकर विपक्ष ने निशाना साधा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने ट्वीट करते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं, साथ ही उन्होंने सरकार से निवेदन किया है कि, सरकार कहीं ऐसे फैसले ना लें कि आने वाले समय में मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ जाए.
श्रम कानूनों को लेकर सीएम ने थी जनता से बात
दरअसल गुरुवार को मंत्रालय में श्रम कानूनों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनता से सीधे बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने श्रम कानूनों में किए गए परिवर्तनों की जानकारी भी दी थी. उन्होंने बताया कि, कोरोना के बाद उद्योगों को जरूरी रियायतें देने के लिए उठाए गए कदम कारखाना मालिकों और श्रमिकों के मध्य परस्पर सहयोग का वातावरण निर्मित करेंगे. विभिन्न तरह की अनुमतियों के लिए उद्योग क्षेत्र को बड़ी राहत प्रदान की गई है. साथ ही प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है और दफ्तरों के चक्कर लगाने के काम से भी मुक्ति दे दी गई है.
आर्थिक चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास
इस दौरान सीएम शिवराज सिंह ने बताया था कि, इन श्रम सुधारों से कोविड-19 से प्रभावित उद्योगों और व्यवसाय को पुनः पटरी पर लाने के साथ ही आर्थिक क्षेत्र की चुनौतियों को अवसर में बदलने का प्रयास सरकार की ओर से होगा. कोरोना के विश्वव्यापी संकट ने अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है. धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होती जा रही हैं. प्रदेश में अब आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, बदली हुई परिस्थितियों में पुराने उद्योग अपने स्थान परिवर्तन पर विचार कर रहे हैं.