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Published : Feb 27, 2021, 12:19 PM IST

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दिग्विजय के गैर राजनीतिक किसान महापंचायत के क्या हैं मायने ?

पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर बड़ा एलान किया है. उन्होंने तीन नए कृषि कानून के खिलाफ राज्य में गैर राजनीतिक किसान महापंचायत बुलाई है.

Rajya Sabha MP Digvijay Singh
दिग्विजय सिंह

भोपाल।राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक बड़ा एलान किया है. ये एलान उन्होंने ट्वीट के जरिए किया है. ट्वीट कर उन्होंने लिखा है कि,

दिग्विजय सिंह का बड़ा एलान. पूरे प्रदेश में करेंगे किसानों की गैर-राजनीतिक महापंचायत. मध्यप्रदेश के किसानों में किसान विरोधी कानूनों से क्या नुकसान होगा उसकी जन जागृति लाने के लिए यह यात्रा है. यह पूर्णत गैर राजनीतिक होगी और समस्त किसानों से प्रार्थना है वे इसमें शामिल हो कर सत्याग्रह करने वाले किसानों का साथ दें, समर्थन करें.

दिग्विजय सिंह ट्वीट

पिछले 95 दिन से किसान नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं. कई दौर की वार्ता के बाद भी अब तक किसानों और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है. अपने दम पर नर्मदा यात्रा निकालने वाले दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर खुद बड़ी घोषणा की है. वे 4 मार्च से नए कृषि कानूनों को लेकर मध्य प्रदेश में गैर राजनीतिक किसान महापंचायत का आयोजन करने जा रहे हैं.

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रतलाम से होगी शुरूआत

किसान महापंचायत एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम में किसान नेता और राजनीतिक नेता एक साथ बैठेंगे और नए कृषि कानूनों में खामियों के बारे में बताएंगे. पहली महापंचायत 4 मार्च को रतलाम में आयोजित की जाएगी. उसके बाद उज्जैन और सीहोर में महापंचायत आयोजित होगी.

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लोगों से की अपील

सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए लोगों के समर्थन की अपील भी की है. उन्होंने लिखा है कियह पूरी तरह से गैर राजनीतिक कार्यक्रम होगा और समस्त किसानों से प्रार्थना है कि वे इसमें शामिल हो कर सत्याग्रह करने वाले किसानों का साथ दें, समर्थन करें.

2018 में दिग्विजय ने निकाली थी नर्मदा पदयात्रा

ठीक विधानसभा चुनाव 2018 से पहले दिग्विजय सिंह ने अपनी पत्नी अमृता राव के साथ 192 दिन की नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा की थी. इस धार्मिक यात्रा को चुनावी तैयारी भी माना जा रहा था. यात्रा के दौरान दिग्विजय सिंह ने प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से 110 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा किया था, जिसे बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिला था. कहीं न कहीं इस यात्रा को 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का श्रेय भी दिया जाता है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि दो साल बाद फिर होने वाले चुनाव की तैयारी की पहली कड़ी ये महापंचायत है.

क्या MP कांग्रेस को एकजुट कर पाएंगे दिग्विजय?

ज्योतिरादित्य सिंधाय के कांग्रेस छोड़ने के बाद एमपी में कांग्रेस उतनी मजूबूत नहीं रह गई, जितनी पहले हुआ करती थी. पहले कांग्रेस के तीन पॉवर सेंटर हुआ करते थे. इसमें दिग्विजय, सिंधिया और कमलनाथ शामिल थे. एमपी में सरकार गिराने के बाद और उपचुनाव में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस को जरूरूत है जोश और उम्मीद की. इसके साथ ही अपने डूबते जहाज को बचाने की भी जरूरत है. दिग्विजय सिंह कांग्रेस में फिर से वहीं जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं, और इस बार मुद्दा भी गरम है 'किसान आंदोलन'. दिग्गी प्रदेश के हजारों किसानों को एकजुट करने की कोशिश करेंगे. क्या दिग्गी कामयाब होंगे. अगर दिग्विजय अच्छी-खासी भीड़ जुटाने में कामयाब हो जाते हैं तो उनका रसूख मध्य प्रदेश कांग्रेस में फिर से बढ़ जाएगा क्योंकि सामने 2023 विधानसभा चुनाव भी हैं.

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