भोपाल/दिल्ली। भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हे सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से भर्ती किया गया है. शुक्रवार की रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसकी वजह से उन्हें दिल्ली भेजा गया, जहां पहले उनका कोरोना टेस्ट भी करावाया गया है, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन सांस लेने में तकलीफ के चलते वे अभी भी हॉस्पिटल में भर्ती हैं. इस वजह से सांसद शनिवार को मुंबई की एक स्पेशल एनआईए(NIA) कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं.
बता दें, कि साध्वी भोपाल के सीहोर लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद हैं. साध्वी भोपाल लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी की उम्मीदवार बनने के मात्र एक घंटे पहले ही बीजेपी में शामिल हुई थीं. वो साल 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाकों के बाद सुर्खियों में आईं थीं, तब उन्हें गिरफ्तार किया गया था. इसी की सुनवाई के लिए कोर्ट ने उन्हें आज की तारीख में पेश होने के लिए कहा था, लेकिन वे बीमार हो गईं, जिस वजह से वो कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं.
- दूसरी बार कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं सांसद
गौरतलब है कि मुंबई की ट्रायल कोर्ट ने प्रज्ञा और अन्य आरोपियों को सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए कहा था. इस महीने की शुरुआत में भी सभी आरोपियों को कोर्ट के सामने हाजिर होने के लिए कहा था. तभी भी चार आरोपी कोर्ट नहीं पहुंचे थे. इस सुनवाई में ये दूसरी बार है, जब सांसद कोर्ट में पेश नहीं हो पाईं हैं.
प्रज्ञा ठाकुर को फिलहाल एम्स के प्राइवेट वार्ड में रखा गया है, वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी रख रही है. जानकारी के मुताबिक, प्रज्ञा ठाकुर को सांस लेने में शुक्रवार रात करीब 10 बजे इमरजेंसी में लाया गया था, तब उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी. सांसद का ब्लड प्रेशर भी बढ़ा हुआ था. बताया जा रहा है कि दवा देने के बाद उनके साध्वी की हालत में सुधार हुआ है और अब उनकी हालत स्थिर है.
महाराष्ट्र के मालेगांव में अंजुमन चौक और भीकू चौक के बीच शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट के सामने 29 सितंबर 2008 की रात 9.35 बजे बम धमाका हुआ था, जिसमें छह लोग मारे गए और सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस धमाके में एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी. एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक यह मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी. महाराष्ट्र एटीएस ने इसकी जांच की और इस नतीजे पर पहुंची कि उस मोटरसाइकिल के तार गुजरात के सूरत और अंत में प्रज्ञा ठाकुर से जुड़े थे.
- मोटरसाइकिल से प्रज्ञा का कनेक्शन
एटीएस चार्जशीट के मुताबिक प्रज्ञा ठाकुर के ख़िलाफ़ सबसे बड़ा सबूत मोटरसाइकिल उनके नाम पर होना था. इसके बाद प्रज्ञा को गिरफ़्तार किया गया. उन पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण क़ानून (मकोका) लगाया गया. चार्जशीट के मुताबिक जांचकर्ताओं को मेजर रमेश उपाध्याय और लेफ़्टिनेंट कर्नल पुरोहित के बीच एक बातचीत पकड़ में आई जिसमें मालेगांव धमाके मामले में प्रज्ञा ठाकुर का ज़िक्र था. इसके बाद चार्टशीट में साध्वी का नाम डाला गया था जिसे बाद में हटा दिया गया.