भोपाल। प्रदेशभर के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब राज्य मंत्री की तरह आवास, सुरक्षा जैसी अन्य सुविधाएं प्राप्त होंगी. राज्यमंत्री को मिलने वाली सुविधाओं और प्रोटोकाल का अब पूरा पालन जिला पंचायत अध्यक्षों के संबंध में भी किया जायेगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के दौरान की. जिला पंचायत सागर के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत के नेतृत्व में प्रदेश भर से 44 जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे. इस दौरान सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया भी जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचे.
MP News जिला पंचायत अध्यक्ष ने मांगे सीईओ की CR के अधिकार, अब मिलेंगी राज्यमंत्री की सुविधाएं
एमपी जिला पंचायत अध्यक्ष को राज्यमंत्री का दर्जा मिल गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐलान किया है कि प्रदेभर के जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्यमंत्री वाली सारी सुविधाएं दी जायेंगी.
संघ ने सीएम के सामने रखा 12 सूत्रीय मांग पत्र:जिला पंचायत संघ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने 12 सूत्री मांग पत्र रखा. संघ पदाधिकारियों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री के रूप में दिये गए प्रोटोकाल का विधिवत पालन कराने, आवास एवं सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पर्व के समय जिले में मंत्रीगणों की अनुपस्थिति पर जिला पंचायत अध्यक्ष से ध्वजारोहण कराने, जिला पंचायत अध्यक्षों को दिये जाने वाले मानदेय एवं भत्ते में वृद्वि कर 1 लाख रूपये किये जाने, जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी निर्माण कार्यों में जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिये जाने एवं सांसद एवं विधायकों की भांति जिला पंचायत अध्यक्षों को शासन की तरफ से परिचय पत्र जारी करने की मांग को तुरंत स्वीकार कर अमल करने की घोषणा की. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों की अन्य मांगों पर विचार के लिए अधिकारियों की समिति गठित की जाएगी.
जिला पंचायत सीईओ के सीआर लिखने के अधिकार मांगा:जिला पंचायत अध्यक्ष संघ ने सरकार से मांग की है कि पूर्व की भांति जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली पर मतदान के अधिकार जिला पंचायत अध्यक्ष को दिए जाएं. साथ ही जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों में पदस्थ तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के ट्रांसफर के पूर्व अनुमोदन के अधिकार दिए जाएं. इसके अलावा पंचायत राज अधिनियम 1994 को पुन: लागू किया जाये. जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी तरह के निर्माण कार्यों के साथ-साथ, मनरेगा निर्माण कार्य भी जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन कराया जाए. जिले में गौण खनिज की राशि से स्वीकृत होने वाले विकास कार्यों की समिति में जिला पंचायत अध्यक्ष को शामिल किया जाये.