भोपाल।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सीखो कमाओ योजना का शुभारंभ किया गया. इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि" सीखो कमाओ योजना से युवाओं को रोजगार मिलने में आसानी होगी. इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को जॉब ओरिएंट स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी. छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और कौशल विकसित करने का मौका मिलेगा. प्रशिक्षण के साथ ही युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड दी जाएगी. 12वीं उत्तीर्ण को 8 हजार रुपये, ITI उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000, स्नातक या उच्च शैक्षणिक योग्यता वाले को 10 हजार प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा."
लर्न एंड अर्न लांच: 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' ऑन द जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, "मध्यप्रदेश ने इतिहास रचा है. हमने कल्पना की थी, हमारे जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर लेते हैं, 12वीं या आइटीआई कर लेते हैं, उनको जॉब की जरूरत होती है. शिक्षा का उद्देश्य है ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना. मैंने देखा है कि बच्चे रोजगार के लिए परेशान होते हैं. कई दिनों से बात दिमाग में थी कि रोजगार के नए तरीके कैसे खोजे जाएं. एक तरीका है शासकीय नौकरी में रोजगार. हमने अब तक 60,000 लोगों को सरकारी नौकरी दे दी है और बाकी के लिए प्रक्रिया जारी है."
दूसरा स्वरोजगार, कई योजनाएं हैं तैयार:उद्यम क्रांति योजना में एक लाख से लेकर 50 लाख तक का ऋण मिलता है. कई लोगों ने बेरोजगारी भत्ता के नारे दिए लेकिन मेरा मानना है कि चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं, पंख देती है. गाय अपने बच्चे को खड़ा करती है, शेरनी अपने बच्चों को शिकार करना सिखाती है, इसलिए बेरोजगारी भत्ता से कोई लाभ नहीं है. हमने कहा कि "हम अपने बच्चों को काम सिखाएंगे, पंख देंगे. इसलिए तय किया कि हमारे बच्चे अलग-अलग कंपनियों में काम सीखने जाएंगे. एक तरफ स्किल्ड मैनपावर की कमी है और दूसरी तरफ रोजगार नहीं है, हमने दोनों को जोड़ दिया. हम कंपनियों में बच्चों को काम सीखने के लिए भेजेंगे और उसके साथ ही स्टाइपेंड देंगे. इसके लिए 'मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना' प्रारंभ कर रहे हैं. बाद में पर्मानेंट जॉब कर सकते हैं या अपनी खुद कि इंडस्ट्री लगा सकते हैं. ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास पहले बहुत बड़ी दौलत नहीं थी, बाद में वो सफल हुए. हम अनंत आकाश में ऊंची उड़ान भरेंगे, हम मजबूर नहीं, मजबूत बनेंगे."