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ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर, बुरहानपुर में बंदरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू - ईटीवी भारत की ख़बर का असर

बुरहानपुर में ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है. बंदरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. 15 लोगों का दल मौके पर पहुंचा और बचे हुए कुछ बंदरों को बचाने का अभियान शुरू कर दिया गया है.

Bhurhanpur news
ईटीवी भारत की ख़बर का असर

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 8:57 PM IST

बंदरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू

बुरहानपुर।जिले के भावसा डैम के बीच दो पेड़ों पर कुछ बंदर फंस गए थे.इनमें से कुछ बंदरों की मौत हो गई थी तो कुछ बंदर बचे हुए हैं.इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए वन विभाग ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है.आपको बता दें कि एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया.इसके बाद वन विभाग की टीम हरकत में आई.

बंदरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू

कैसे फंसे बंदर: दरअसल मुख्यालय से 30 किमी दूर भावसा गांव में 35 करोड़ की लागत से भावसा डैम बनाया गया था. डैम के बीच में इमली और बरगद के एक पेड़ पर 6 महीने से 50 बंदर पानी के बीच फंस गए थे. इसमें से लगभग 45 बंदरो की भूख-प्यास से मौत हो गई थी लेकिन शेष 5 बंदर अब भी जीवित फंसे हुए हैं जो पेड़ के पत्ते और फिर छाल खाकर किसी तरह बचे हुए हैं.

ईटीवी भारत की खबर का असर: खबर दिखाए जाने के बाद वन विभाग ने बंदरो को बचाने की सुध ली है.इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाया तो वन विभाग हरकत में आया. इन्हें रेस्क्यू अभियान चलाकर सुरक्षित निकालने के लिए एसडीओ अजय सगर, रेंजर संजय मालवीय सहित 15 सदस्यीय दल पहुंचा और बंदरों को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया.

15 सदस्यीय दल मौके पर डटा
लकड़ी का पुल बनाने की तैयारी

ऐसे शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन: मंगलवार को एसडीओ फॉरेस्ट अजय सागर के नेतृत्व में शाहपुर व बोदरली रेज के रेंजरों सहित 15 लोगों की टीम भावसा डैम पहुंची.इसमें 5 अन्य मजदूर भी शामिल हैं. इन्होंने सबसे पहले डैम के आसपास से लकड़ियां इकठ्ठी कर इसमें रस्सी बांधकर पुल बनाया. इसके बाद 4 बड़े ट्यूब से नाव बनाकर पानी में उतारी है. इस पर वन विभाग ने केले व भोजन रखा है जिसे बंदरों तक पहुंचाया जा रहा है. घुटनों तक पानी में वनकर्मी पहुंचे फिर बंदरों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए प्रयास शुरू हुए. वन विभाग का दावा है कि जल्द ही बचे हुए बंदरों को जीवित निकालकर अन्य स्थानों पर सुरक्षित छोड़ दिया जाएगा.

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