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मोहन यादव सरकार बनते ही कम हो गईं 2 लाख लाड़ली बहने, नेता प्रतिपक्ष उमंग ने मांगा जवाब - लाड़ली बहनों को मिले पैसे

Congress Slams On BJP: एमपी की मोहन यादव सरकार ने बुधवार को लाड़ली बहनों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए. जिसकी जानकारी सरकार ने दी. वहीं कांग्रेस ने सरकार द्वारा जारी आंकड़ों को लेकर निशाना साधते हुए पूछा है कि 2 लाख बहने कहां गई?

Congress Slams on BJP
कांग्रेस ने पूछा बीजेपी से सवाल

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 10, 2024, 4:02 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी की नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में लाड़ली बहनों की संख्या 2 लाख कम हो गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा बुधवार को 1.29 करोड़ महिलाओं के खाते में लाड़ली बहन योजना के तहत राशि डाले जाने के बाद कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के साथ ही लाड़ली बहनों की संख्या 2 लाख घट गई है. पूर्ववर्ती शिवराज सरकार ने इस योजना को लागू करते हुए आधिकारिक तौर पर वास्तविक हितग्राही बहनों को संख्या 1 करोड़ 31 लाख बताई थी. मोहन सरकार के शपथ लेने के बाद पहली बार सरकार ने आज सार्वजनिक किया है कि एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में आज 1576 करोड़ रुपए हस्तांतरित हुए हैं.

उमंग सिंघार ने पूछा सवाल

उमंग सिंघार ने सरकार से किया सवाल

विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि जब सितंबर में शिवराज सीएम थे, तब लाड़ली बहनों की संख्या 1.31 करोड़ थी. अब नए CM मोहन यादव ने इस संख्या को छांटकर 1.29 करोड़ कर दिया है. यानी 2 लाख तो नई सरकार बनते ही घटा दी. सरकारी विज्ञापन इसका प्रमाण है. लोकसभा चुनाव के बाद ये संख्या कितनी बचेगी. ये तो नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ही तय करंगे. नए CM क्यों चाहेंगे कि लाड़ली बहना के 'प्यारे भैया' शिवराज ही बने रहें और मोहन यादव आपकी योजना को कर्ज लेकर ढोते रहे. 'लाड़ली बहना योजना' को लेकर लोगों की शंका गलत नहीं है कि सीएम बदलते ही इस योजना पर तलवार लटकी है. सरकार भले बीजेपी की है, पर CM का चेहरा तो नया है. अब लाड़ली बहनों को भी समझ आ रहा है कि ये बीजेपी का चुनावी पाखंड था. जिसका रंग उतरने लगा है.

कांग्रेस प्रवक्ता बोले हमारे पेट में दर्द नहीं, लेकिन लाड़ली बहन क्यों कम हुईं

उधर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि मोहन सरकार के शपथ लेने के बाद पहली बार सरकार ने आज सार्वजनिक किया है कि एक करोड़ 29 लाख बहनों के खातों में आज 1576 करोड़ रुपए हस्तांतरित हुए हैं. यदि 1576 करोड़ रुपयों की राशि में 1250 का भाग दिया जाए तो कुल वास्तावित लाड़ली बहनों की संख्या 1 करोड़ 26 लाख 8 हजार होती है, जो सीधी तौर पर 4 लाख 92 हजार बहनों के अंतर को दर्शाता है. इन स्थितियों में मुख्यमंत्री बताएं कि उनकी सरकार बनते ही मात्र एक माह में 4 लाख 92 हजार बहनें कहां गायब हो गई.

केके मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि इस योजना को लेकर कांग्रेस के पेट में दर्द हो रहा है, लेकिन ना तो हमारे पेट में अपचन है और ना ही दर्द है. मुख्यमंत्री तो सिर्फ यह स्पष्ट कर दें कि 4 लाख 92 हजार बहनें कहां हैं. उनसे उनकी सहायता राशि का हक किन कारणों से छीना गया और उसका दोषी कौन है?

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