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हनीट्रैप मामले के खुलासे के बाद सरकार सख्त, NGO को मिलने वाले पैसों की तहकीकात शुरू

बहुचर्चित हनीट्रैप मामले का खुलासा होने के बाद सरकार एनजीओ को मिलने वाले पैसों की तहकीकात कर रही है. इसके लिए 23 अक्टूबर को सर्कुलर जारी किए गए हैं, जिसके तहत पिछले 15 सालों में एनजीओ को कितने पैसे दिए गए, उसकी जानकारी ली जा रही है.

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Published : Oct 26, 2019, 10:04 AM IST

Updated : Oct 26, 2019, 11:04 AM IST

हनीट्रैप मामले के खुलासे के बाद सरकार सख्त

भोपाल। बहुचर्चित हनीट्रैप मामले का खुलासा होने के बाद सरकार सख्त हो चली है. एक तरफ इस मामले में एसआईटी लगातार जांच कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार भी इस गिरोह में शामिल महिलाओं के एनजीओ का पूरा लेखा-जोखा खंगालने में जुट गई है, ताकि पता चल सके कि आरोपी महिलाओं को एनजीओ के जरिए कितना पैसा सरकार ने दिया है.

NGO को मिलने वाले पैसों की तहकीकात शुरू

सरकार को मिली कई गुमनाम शिकायतों में बताया गया है कि पिछले 15 वर्षों में हनीट्रैप गिरोह के लोगों के सभी एनजीओ को कई मंत्रियों और अफसरों ने करोड़ों रुपए का फर्जी भुगतान किया है, शिकायत में यह भी बताया गया है कि आरोपी महिला और उनसे जुड़े एनजीओ ने बीजेपी कार्यकाल में सबसे ज्यादा आर्थिक मदद ली है.

सर्कुलर कर दिए गए जारी

शिकायत मिलने के बाद वित्त विभाग में 23 अक्टूबर को सर्कुलर जारी किए गए हैं, जिसके तहत सभी विभागों से 11 नवंबर तक इस पूरे मामले की जानकारी तलब की गई है. राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागों के सचिवों को निर्देश के साथ एक प्रोफार्मा भी भेजा गया है.

प्रोफार्मा से मांगी गई जानकारियां

इन सभी विभागों से कहा गया है कि वे इसी प्रोफार्मा में जानकारियां उपलब्ध कराएं. इसमें अनुदान वाली गैर शासकीय संस्था का नाम पता और उसके पंजीयन की पूर्ण जानकारी मांगी गई है. इसके अलावा इस जानकारी के तहत यह भी पूछा गया है कि संस्था को किस बजट शीर्षक से अनुदान दिया गया है. उपयोगिता प्रमाण मिला या नहीं और इस पर टिप्पणी की जानकारी भी प्रोफार्मा में देने के लिए निर्देशित किया गया है.

3 लाख से ज्यादा संगठन पंजीकृत

मध्यप्रदेश में 3लाख से ज्यादा अशासकीय संगठन अलग-अलग कामों के लिए विभिन्न विभागों में पंजीकृत हैं. इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, जागरूकता, महिला एवं बच्चों के लिए कामों में लगी संस्थाएं ज्यादा हैं. जांच के दौरान सभी विभागों के माध्यम से यह भी देखा जाएगा कि पिछले 15 वर्षों में किस एनजीओ को कितना काम दिया गया है.

जिम्मेदारों पर लिया जा सकता है सख्त एक्शन

इसमें हनीट्रैप से संबंधित एनजीओ पर किस मंत्री और अफसर की मेहरबानी रही है. इस जांच में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी से जुड़े एनजीओ पर मेहरबानी का भी खुलासा हो सकता है. गड़बड़ी सामने आने के बाद जिम्मेदारों पर सरकार सख्त एक्शन ले सकती है.

Last Updated : Oct 26, 2019, 11:04 AM IST

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