भोपाल। शिवराज सरकार ने भोपाल में हाल में नगरीय निकाय और पंचायतों प्रतिनिधियों का बड़ा सम्मेलन किया था. इसमें मुख्यमंत्री ने पंचायतों प्रतिनिधियों की मांगों को लेकर कई ऐलान किए थे. सम्मेलन में कपिलधारा में कुंआ खोदने की अनुमति, सुदूर संपर्क सड़क योजना, सरपंचों का मानदेय बढ़ाने, सचिवों के खाली पदों की पूति, नामातंरण का अधिकार पंचायतों को देने सहित कई ऐलान किए गए. इस तरह सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए निचले स्तर पर अपनी पकड़ बनाने की कोशिश की.
बीजेपी की राह पर Congress,पंचायत प्रतिनिधियों को लुभाने की रणनीति, 9 जनवरी को भोपाल में बुलाया सम्मेलन
विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी और कांग्रेस पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने में जुट गई है. इसके तहत बीजेपी के बाद अब कांग्रेस पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन बुलाने (Congress strategy for panchayat representatives) जा रही है. कांग्रेस ने नए साल में 9 जनवरी को भोपाल में ग्राम पंचायतों का राज्य स्तरीय सम्मेलन बुलाने की तैयारी शुरू कर दी है. इस सम्मेलन में प्रदेश की सभी पंचायतों के पंच, सरपंच, जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्षों को बुलाया गया है. इसमें कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति और पंचायतों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी.
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कमलनाथ सरकार के काम गिनाएंगे :इस सम्मेलन को लेकर कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की राशि का उपयोग इस तरह के कार्यक्रम में कर रही है. अब कांग्रेस ने भी पंचायत प्रतिनिधियों का सम्मेलन बुलाने की तैयारी की है. कांग्रेस ने यह सम्मेलन 9 जनवरी को बुलाया है. इसमें कांग्रेस ने प्रदेश भर के पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष को बुलाया है. सम्मेलन में कमलनाथ इन पंचायत प्रतिनिधियों से सीधे चर्चा करेंगे. आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां को लेकर चर्चा की जाएगी. इस दौरान पंचायत प्रतिनिधियों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों के अलावा कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौरान पंचायतों स्तर तक किए गए कामों को गिनाया जाएगा. सम्मेलन में प्रदेश भर की सभी पंचायत जनप्रतिनिधियों को बुलाया जा रहा है.