भोपाल।कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और विदेशी निवेश के जरिए सरकार 17.5 लाख करोड़ के निवेश के दावे करती है, लेकिन इसमें से भी सिर्फ करीब 7 हजार करोड़ का विदेश निवेश मध्यप्रदेश में हुआ है. पिछले 2 साल में मध्य प्रदेश में सिर्फ ₹3600 करोड़ का निवेश आया है. इस मामले में पूरे देश में मध्य प्रदेश का स्थान 15वां है.
निवेश बढ़ाने के नाम पर फिजूलखर्ची :कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि शिवराज सरकार ने मध्य प्रदेश में निवेश लाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया है. सरकार से मिली जानकारी के हवाले से जीतू पटवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जून 2014 से लेकर सितंबर 2016 के बीच नौ अलग-अलग देशों में विदेशी निवेश के लिए बिजनेस सेमिनार किए. जिस पर करीब 1100 करोड़ रुपए खर्च किए गए. लेकिन यात्राओं और बिजनेस सेमिनार तक विदेशों में जितने पैसे खर्च किए गए उतना मध्यप्रदेश में विदेशी निवेश नहीं आया.
18 साल में 7 हजार करोड़ का विदेशी निवेश :पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि 2007 से 2016 के बीच मध्य प्रदेश में 5 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की गई. उस समय सरकार ने दावे किए थे कि इन इन्वेस्टर सम्मिट से 17.5 लाख करोड़ रुपए की एमओयू और निवेश आशय के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. बाद में सरकारी रिकॉर्ड में बताया गया कि यह प्रस्ताव 11 लाख करोड़ रुपए का था. जबकि देखा जाए तो मध्यप्रदेश में 2000 से लेकर 2018 के बीच सिर्फ 7000 करोड रुपए का विदेशी निवेश ही आया है. विदेशी निवेश के मामले में मध्य प्रदेश देश के टॉप 10 राज्यों में भी शामिल नहीं है. 2000 से 2018 के बीच देश में 23 लाख करोड़ रुपए का निवेश हुआ, जिसमें से मध्यप्रदेश में सिर्फ 0.3 फ़ीसदी निवेश ही आया है.
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कांग्रेस ने सरकार से पूछे सवाल :कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार उद्योगपतियों के सामने झूठे दावे पेश करती है. सरकार ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश में 1.20 लाख एकड़ का लैंड बैंक मौजूद है लेकिन जमीन के नाम पर किसानों से जबरदस्ती जमीन अधिगृहीत कराई जा रही है. कांग्रेस ने सरकार से इन्वेस्टर्स समिट को लेकर जनता के सामने श्वेत पत्र रखने की मांग की है. जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार को जनता को बताना चाहिए कि अभी तक मध्य प्रदेश में कितने इन्वेस्टर समिट हुए, उसमें कितने निवेश प्रस्ताव आए और कितने जमीन पर उतरे. पिछली इन्वेस्टर्स समिट में टोटल कितना खर्च हुआ. सरकार को बताना चाहिए कि यदि मध्यप्रदेश में इतना निवेश आया है तो पूरे प्रदेश में कर्ज क्यों बढ़ रहा है.