चीतों को फिर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ने की तैयारी, वर्तमान में बचे हैं 14 चीते और एक शावक
MP Cheetah Project: बीते दिनों संक्रमण के चलते कई चीतों की मौत के बाद उन्हें जंगल से बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया था. वर्तमान में सभी चीते स्वस्थ बताए जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें कूनो नेशनल पार्क के जंगल में फिर छोड़ने की तैयारी चल रही है. बता दें कि अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है, जिसमें 6 व्यस्क और 3 शावक शामिल हैं.
भोपाल। चीता विहीन हो चुके भारत में चीतों को बसाने की चल रही कोशिश के क्रम में एक बार फिर इन्हें बाड़े से बाहर निकलकर कूनो नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है. संभावना जताई जा रही है कि इन चीतों को जल्दी ही या दिसंबर में जंगल में छोड़ दिया जाएगा.
चीतों ने कब-कब दम तोड़ा
चीतों की मौत के बाद उन्हें बाडे़ में लाया गया था:दरअसल, बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबिया से लाए गए चीतों को श्योपुर जिले में कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. इन चीतों को पहले बाड़े में रखा गया और फिर उन्हें खुले जंगल में छोड़ा गया. संक्रमण के चलते कई चीतों की हुई मौत के बाद उन्हें एक बार फिर बाड़े में लाया गया.
चीतों पर खतरे का बड़ा कारण बाघ की मौजूदगी : कूनो नेशनल पार्क लाए गए चीतों में से बचे 14 चीता और एक शावक वर्तमान में बाड़े में हैं, अब इन सभी को खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी चल रही है. जानकारों का कहना है कि चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला स्टीयरिंग कमेटी के जरिए लिया जाएगा. चीतों पर संभावित खतरे का एक बड़ा कारण बाघ की मौजूदगी को माना जा रहा है, क्योंकि वहां बाघ के पग-मार्क भी मिले हैं. फिलहाल बाघ की तलाश की जा रही है. बाघ की मौजूदगी की सही जानकारी मिलने के बाद ही चीतों को जंगल में छोड़ने का फैसला लिया जाएगा.
चीतों की देखरेख में लगे अधिकारियों कहना है कि जो चीते बाड़े में हैं, उनकी स्थिति ठीक है, कुछ समय पहले जब चीतों को जंगल में छोड़ा गया था तब उनके गले में लगाई गई कॉलर आईडी के चलते कई चीतों को संक्रमण हो गया था और मौत भी हुई थी. उसके बाद सभी चीतों को अलग-अलग बाड़े में रखा गया है. संक्रमण मिलने के बाद विशेषज्ञों की देखरेख में सभी का उपचार किया गया. वर्तमान में वे स्वस्थ बताए जा रहे हैं.
कूनो में चीतों की मौत का ब्यौरा:17 सितंबर 2022 को कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर पहली बार 8 चीतों को छोड़ा गया था. ये चीते नामीबिया से लाए गए थे. वहीं, दूसरे चरण में 18 फरवरी 2023 को दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को कूनो में लाया गया था. ऐसे में कुल मिलाकर दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से 20 चीते लाये गये थे. अब तक 9 चीतों की मौत हो चुकी है, जिसमें 6 व्यस्क और 3 शावक शामिल हैं.
चीतों ने कब-कब हुई मौत: 27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई 5 साल की मादा चीता शासा की मौत हो गई. उसकी मौत का कारण किडनी का संक्रमण बताया गया. वहीं शासा की मौत के दिन ही 27 मार्च 2023 को नामीबिया से लाई गई चीता ज्वाला ने चार शावकों को जन्म दिया था. 23 अप्रैल 2023 को 6 साल के उदय चीता की हार्टअटैक से मौत हो गई. उसे बाड़े में लड़खड़ाकर अचानक बहोश होते देखा गया था. 9 मई 2023 को मादा चीता दक्षा की मौत हो गई. दक्षिण अफ्रीका से लाई गई दक्षा की मौत का कारण मोटिंग के दौरान नर चीतों द्वारा हमला करना बताया गया. 23 मई 2023 को एक चीता शावक की मौत हो गई जिसे सियाया (ज्वाला) चीता ने जन्मा था. फिर 25 मई 2023 को ज्वाला के दो अन्य शावकों की मौत हो गई. इसके बाद 11 जुलाई 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता तेजस की मौत हो गई. 14 जुलाई 2023 को दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता सूरज ने दम तोड़ दिया. जबकि, 2 अगस्त 2023 को मादा चीता धात्री (टिबलिसी) ने दम तोड़ दिया.