भोपाल। प्रदेश में 3 साल पहले जल प्रदाय, सीवेज, वर्षा जल निकासी के लिए केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत काम शुरू किया गया था. लेकिन पिछले एक साल से इस योजना का काम प्रदेश के प्रमुख शहरों में लगभग ठप पड़ा हुआ है. कई क्षेत्रों में आधा अधूरा काम ही हो पाया है तो वहीं दूसरी ओर इस योजना के तहत खोदी गई सड़कों को लेकर भी कई तरह की समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं. क्योंकि कई जगह आधा-अधूरा काम होने की वजह से सड़कों का निर्माण ही नहीं हो पाया है.
संबंधित कंपनियों ने भी अपना काम बीच में ही छोड़ दिया है. जिससे परेशान लोग लगातार सीएम हेल्पलाइन में इसकी शिकायत कर रहे हैं. जिसे देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने (अटल मिशन फॉर रिज्युविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफार्मेशन) के कामों की समीक्षा की. साथ ही अब तक प्रदेश में अमृत योजना के तहत किए गए कामों की विस्तृत रिपोर्ट भी अधिकारियों से ली.
समीक्षा के दौरान मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अमृत योजना में जबलपुर, ग्वालियर सहित अन्य नगरीय निकायों में, जहां प्रोजेक्ट में 60 प्रतिशत से कम प्रोग्रेस है, उसकी विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन में दें. जिसके बाद अगले हफ्ते उसपर फिर से समीक्षा की जाएगी. बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास निकुंज कुमार श्रीवास्तव और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
बता दें कि बीजेपी के शासनकाल के दौरान अमृत योजना का काम प्रदेश के प्रमुख शहरों में शुरु किया गया था. लेकिन सत्ता परिवर्तन होने के बाद कांग्रेस शासनकाल के दौरान इस योजना पर ब्रेक लगा दिया गया था. वहीं एक बार फिर से बीजेपी की सत्ता वापसी के बाद इस योजना को आगे बढ़ाने का काम शुरू किया गया है. वहीं उम्मीद की जा रही है कि प्रमुख शहरों में रुके हुए कार्य एक बार फिर से शुरु हो सकेंगे और लोगों को खराब सड़कों से निजात मिल सकेगा.