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Tiger Tourism - 'बफर में सफर' से टूरिज्म और रोजगार बढ़ाने की रणनीति, 20 हजार सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे ट्रेंड

मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राज्य सरकार Tiger Tourism को लेकर 'बफर में सफर' शुरू करने जा रही है. इस योजना में सरकार प्रदेश के सभी संरक्षित क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देगी. इसके लिए 33 स्थान चिन्हित कर इन्हें विकसित करने की तैयारी की जा रही है.

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टाइगर से टूरिज्म बढ़ाने की रणनीति

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Published : Dec 13, 2020, 1:48 PM IST

Updated : Dec 18, 2020, 9:03 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश सरकार Tiger Tourism को प्रमोट करने के लिए एक नई शुरुआत कर रही है 'बफर में सफर'. इसके लिए 33 स्थानों को चिन्हित कर वहां सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं. इसके अलावा टूरिस्ट स्पॉट्स पर सुविधाएं देनें वाले 20 हजार से ज्यादा सर्विस प्रोवाइडर्स का कौशल उन्नयन किया जाएगा. ताकि पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सकें और रोजगार के नए साधन पैदा हो सकें.

टाइगर से टूरिज्म बढ़ाने की रणनीति

टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 से ज्यादा पहुंच चुकी है. बाघों के दीदार के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक नेशनल पार्कों की तरफ खिंचे चले आते हैं. कोरोना काल में भी लोग बड़ी संख्या में नेशनल पार्क पहुंचे हैं. वर्ष 2019-20 के दौरान नेशनल पार्कों में देसी के अलावा विदेशी पर्यटक भी पहुंचे. इस दौरान यहां 59 हजार 270 पर्यटक पहुंचे. इनमें 57,653 देसी और करीब 1700 विदेशी पर्यटक शामिल हैं. इसको देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दिनों बांधवगढ़ में आयोजित समीक्षा बैठक में 'बफर में सफर' को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं.

'बफर में सफर' स्कीम के तहत टूरिज्म का होगा विकास

विभाग ने बफर में सफर के लिए 3 दर्जन के करीब स्थान चिन्हित कर इन्हें विकसित करने की तैयारी की है. कान्हा नेशनल पार्क में सिझोरा, खापा और खटिया के अलावा हरसा गेट, अकोला गेट को विकसित किया जाएगा. बांधवगढ़ में धमाखरा, और मानपुर, पेंच में रुखड़, खवासा, खूब पानी, घाट कोहका को भी विकसित किया जा रहा है. वन मंत्री विजय शाह के मुताबिक वनों के जरिए टूरिज्म को बढ़ाने के तमाम उपाय किए जाएंगे.

7 टूरिस्ट सर्किट किए जाएंगे विकसित

पर्यटन को बढ़ाने के लिए अलग-अलग टूरिज्म सर्किट विकसित करने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव तैयार कर भेज दिए गए हैं. सरकार की कोशिश है कि अगले 3 सालों में इन्हे तैयार कर लिया जाए. इनमें अमरकंटक रामायण सर्किट, तीर्थंकर सर्किट, ओमकार सर्किट, नर्मदा परिक्रमा, रूरल सर्किट और ट्राईबल सर्किट शामिल है. इन सर्किट्स के जरिए धार्मिक और प्राकृतिक क्षेत्रों को टूरिज्म से जोड़ा जाएगा. इन स्थानों पर सर्विस उपलब्ध कराने वाले 20 हजार सर्विस प्रोवाइडर्स का कौशल उन्नयन भी सरकार कराने जा रही है. इस साल 10 हजार सर्विस प्रोवाइडर्स का कौशल उन्नयन किए जाने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रदेश में बढ़ रही पर्यटकों की संख्या

प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. साल 2017 के बाद प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ी है. साल 2017 में प्रदेश में 5 करोड़ 88 लाख पर्यटक प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर पहुंचे थे. वर्ष 2019 में यह संख्या बढ़कर आठ करोड़ 90 लाख तक पहुंच गई है.

Last Updated : Dec 18, 2020, 9:03 PM IST

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