भोपाल। शिवराज सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की ग्वालियर में जयंती मनाने को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है. उन्होंने कहा है कि एक तरफ प्रदेश में लॉकडाउन के कारण सभी आयोजन व कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है. दूसरी तरफ इस तरह के आयोजन का खुलेआम होना, शिवराज सरकार की सोच, नियत और विफलता को उजागर करता है. कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से सवाल पूछा है कि वे गांधी जी की सोच के साथ हैं या फिर गोडसे की विचारधारा के साथ.
कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार में इस तरह की घटना पर कड़ी कार्रवाई की गई थी और चेताया था कि प्रदेश में बापू के हत्यारे का महिमा मंडन कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. शिवराज सरकार स्पष्ट करे कि वो बापू की सोच के साथ है या गोडसे की विचारधारा के साथ? कांग्रेस इस तरह के कृत्यों पर चुप नहीं बैठेगी और इसका हर मंच पर पुरजोर विरोध भी करेगी.
कमलनाथ ने अपनी ट्वीट में कहा -
'शिवराज सरकार में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की प्रदेश के ग्वालियर में जयंती मनाना, आयोजन करना, उसकी तस्वीर पर दीये जलाना, बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना. एक तरफ प्रदेश में लॉकडाउन, आयोजनों व कार्यक्रमों पर रोक, दूसरी तरफ इस तरह के आयोजन का खुलेआम होना, शिवराज सरकार की सोच, नियत व विफलता को उजागर करता है. हमारी सरकार में हमने ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की थी और करने वालों को चेताया था कि हमारी सरकार में प्रदेश में बापू के हत्यारे का महिमामंडन कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. शिवराज सरकार स्पष्ट करे कि वो बापू की सोच के साथ है या गोडसे की विचारधारा के साथ?, हम मांग करते हैं कि इसके दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, लॉकडाउन में इस तरह का आयोजन कैसे हुआ, इसकी भी जांच होय कांग्रेस इस तरह के कृत्यों पर चुप नहीं बैठेगी और इसका हर मंच पर पुरजोर विरोध करेगी.'