मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, कॉलेज परीक्षा कराने के फैसले पर पुनर्विचार की मांग - डाॅ संजय जैन इंदौर

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर की परीक्षाओं को लेकर किए गए फैसले पर सरकार से पुर्नविचार की मांग की है.

Former Minister Jeetu Patwari
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी

By

Published : Jun 12, 2020, 7:46 PM IST

भोपाल। पूर्व मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को दो पत्र लिखकर ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के लास्ट ईयर की परीक्षाओं को लेकर किए गए फैसले पर सरकार से पुर्नविचार की मांग की है. वहीं डाॅ संजय जैन के परिवार के लिए एक करोड़ रूपये की सहायता राशि की मांग की है. मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित किये जाने के निर्णय पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को परीक्षाएं आयोजित कराने पर पुर्नविचार करने के लिए पत्र लिखा है. वहीं दूसरे पत्र में उन्होंने शहर के अटल बिहारी वाजपेयी शासकीय महाविद्यालय में प्राध्यापक रहे डाॅ संजय जैन के परिवार को एक करोड़ रूपये की सहायता राशि दिए जाने का भी निवेदन किया है.

पहला पत्र
पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि कोरोना संक्रमण पूरे देश में अपना विकराल रूप लेता जा रहा है, प्रदेश में रफ्तार चरम पर है, ऐसे में सरकार द्वारा लिये जा रहे अविवेकपूर्ण निर्णयों से स्थिति भयावह होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता, लेकिन प्रदेश की बीजेपी सरकार चाहे युवा वर्ग हो, मजदूरी करने वाला हो, विद्यार्थी या परीक्षार्थी सभी की जान जोखिम में डालने का अक्षम्य अपराध करने पर उतारू है.
पहला पत्र
जीतू पटवारी ने कहा है कि जून-जुलाई महीने में संक्रमण अपने चरम पर रह सकता है, जिसके चलते परीक्षार्थियों के संक्रमित होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता. वहीं उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ अधिकारियों, प्राध्यापकों की भी कोरोना से मुत्यु हो चुकी है और कई प्राध्यापक अभी भी उसकी भयावहता से जूझ रहे हैं. ऐसे में सुरक्षा मापदण्डों पर सवाल खड़े हो सकते हैं.

उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि चूंकि जारी दिशा निर्देशों से उच्च शिक्षा विभाग भी सहमत नहीं हैं, इसलिए विद्यार्थियों के करियर की तुलना में उनके स्वास्थ्य और जीवन को प्राथमिकता दी जाए, हालात सामान्य होने पर ही परीक्षाएं आयोजित की जाएं, नहीं तो इन विद्यार्थियों के शेष कक्षाओं के लिए उन्हें जनरल प्रमोशन दिया जाए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details