भोपाल।कोरोना संकट के बीच बड़ी खगोलीय घटना होने जा रही है. 21 जून को साल का पहला सबसे लंबा अवधि वाला सूर्य ग्रहण लगने वाला है. 5 जून को हुए उपछाया चंद्र ग्रहण और आगामी 4 जुलाई को होने जा रहे उपछाया चंद्रग्रहण के बीच 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ऑनलाइन सामूहिक सूर्य नमस्कार किये जाने के बाद सूर्य भी ग्रहण के साये में होगा. नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि हरियाणा और उत्तराखंड में तो सूर्य को चमचमाते कंगन के रूप में देखा जा सकेगा, लेकिन मध्यप्रदेश के अन्य शहरों के साथ भोपाल में खंडग्रास सूर्य ग्रहण सुबह 10:14 से आरंभ होकर दोपहर 1: 47 तक चलेगा. यहां 3 घंटे 33 मिनिट के ग्रहण के दौरान अधिकतम स्थिति में 11 बजकर 57 मिनिट पर सूर्य का 79 प्रतिशत भाग चंद्रमा के पीछे छिप जायेगा.
सारिका ने बताया कि आवागमन की दृष्टि से कंगनाकार सूर्य ग्रहण देखें जाने के लिए दिल्ली से 160 किमी उत्तर में स्थित कुरूक्षेत्र उपयुक्त स्थल है. जहां सुबह 10:21 से 1:47 तक चलने वाले ग्रहण के दौरान लगभग 12 बजे 27 सेकंड के लिये यह चमचमाते कंगन के रूप में दिखने लगेगा. इसके अलावा उत्तराखंड के पर्यटक स्थल देहरादून से भी 9 सेकंड के लिये वलयाकार सूर्य को देखा जा सकेगा. सारिका घारू ने जानकारी दी कि 21 जून को साल के सबसे लंबे अवधि के दिन को होने वाली इस खगोलीय घटना को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सोलर व्यूअर की मदद से देखा जा सकेगा. सोलर फिल्टर लगे टेलिस्कोप से भी इसे देखा जा सकेगा. इसके बाद अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण को भारत में देखने के लिये 21 मई 2031 का इंतजार करना होगा.