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IAS संतोष कुमार निलंबित, कोर्ट के फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में पुलिस रिमांड पर हैं वर्मा

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Published : Jul 14, 2021, 12:41 PM IST

Updated : Jul 14, 2021, 1:00 PM IST

कोर्ट के फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार आईएएस संतोष कुमार वर्मा को सामान्य प्रशासन विभाग ने निलंबित कर दिया है, वर्मा पर उनकी कथित महिला मित्र ने शादी का झांसा देने और लिव इन में रखने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, इसी बीच वर्मा ने प्रमोशन के लिए कोर्ट से विवाद का निस्तारण होने का फर्जी आदेश बनाकर डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी को सौंपा था, जिसकी जांच के लिए पुलिस ने दो दिन का रिमांड मांगा था, आज रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद दोबारा कोर्ट में पुलिस वर्मा को पेश करेगी.

IAS Santosh Kumar Verma suspended
आईएएस संतोष कुमार वर्मा निलंबित

भोपाल। इंदौर में दो दिन पहले गिरफ्तार किए गए आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को निलंबित कर दिया गया है, आईएस वर्मा दो दिन की पुलिस रिमांड पर हैं, वर्मा को आज पुलिस कोर्ट में पेश करेगी क्योंकि रिमांड की अवधि खत्म हो रही है. पुलिस ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड मांगा था. फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार आईएएस को सरकार ने सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया है.

IAS संतोष वर्मा को कोर्ट ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा, फर्जी दस्तावेज लगाकर पदोन्नति पाने का आरोप

आईएएस संतोष कुमार वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने विशेष न्यायाधीश विजेंद्र सिंह रावत के फर्जी हस्ताक्षर कर कोर्ट का आदेश बनाकर प्रस्तुत किया था, जिसके आधार पर उन्हें प्रमोशन मिला है. आईएएस पर एक युवती ने शादी का झांसा देने और मारपीट करने का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. इसी मामले में वर्मा ने कोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर केस खत्म होने का दावा किया था.

वल्लभ भवन की तस्वीर

सामान्य प्रशासन विभाग ने IAS को किया सस्पेंड

आईएएस की गिरफ्तारी मामले में सामान्य प्रशासन विभाग ने पुलिस महानिरीक्षक से प्रतिवेदन मांगा था, जिसके मिलने पर प्रतिवेदन का प्रारंभिक परीक्षण किया गया और फिर सामान्य प्रशासन विभाग ने वर्मा को निलंबित कर दिया है. फर्जी आदेश का यह मामला करीब 4 साल पुराना है. वर्मा का नाम आईएएस अवार्ड के लिए प्रस्तावित होने के बाद उनकी महिला मित्र की शिकायत परेशानी न बन जाए, इसलिए फर्जी आदेश बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया था.

11 जुलाई को किया था गिरफ्तार

11 जुलाई की देर रात गिरफ्तारी के बाद आईएएस को कोर्ट में पेश करने से पहले सीएसपी हरीष मोटवानी ने पूछताछ की थी. इस दौरान IAS ने कई खुलासे पुलिस के सामने किए थे. पुलिस को उम्मीद है कि 2 दिन की रिमांड में IAS कई और खुलासे कर सकते हैं. साथ ही IAS का साथ देने वालों की गिरफ्तारी की उम्मीद की जा रही है.

पुलिस को गुमराह कर रहा IAS वर्मा

बताया जा रहा है कि IAS संतोष वर्मा से पूछताछ करना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. IAS पुलिस को गुमराह करने के लिए बार-बार अपने बयान बदल रहा है. पुलिस ने कोर्ट के नाम पर तैयार किया गया फर्जी दस्तावेज IAS के पास से बरामद कर लिया है. ऐसे में पुलिस जल्द फर्जी दस्तावेज बनाने वाले तक पहुंच सकती है.

कोर्ट से जुड़े अधिकारियों पर शक

इस मामले में IAS ने पुलिस को बताया कि उसने IAS अवॉर्ड के लिए सिर्फ फैसले की नकल निकलवाई थी, जबकि पुलिस का मानना है कि इस मामले में न्यायालय से जुड़े कुछ लोगों ने IAS की मदद की है. ऐसे में पुलिस संतोष वर्मा से उन नामों को उगलवाने की कोशिश कर रही है, जिन्होंने उनकी मदद की थी.

क्यों गिरफ्तार हुआ IAS संतोष वर्मा?

IAS वर्मा के खिलाफ 27 जून को एमजी रोड पुलिस ने न्यायाधीश की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने का मामला दर्ज किया था. अफसरों ने वल्लभ भवन (भोपाल) से अनुमति ली और शनिवार रात करीब 12 बजे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में कोर्ट की ओर से ही 27 जून को एमजी रोड थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी.

किस मामले में चल रहा था केस?

नवंबर में एक युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने कहा था कि उज्जैन के अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने उसको शादी का झांसा दिया और लिव इन में रखा. उसने ये भी बताया था कि वह संतोष के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की थी. इसी दौरान दोस्ती हुई, जो प्रेम में बदल गई. दोनों ने विवाह भी कर लिया था. जब वह हरदा में पदस्थ थे, तब उन्होंने पत्नी की तरह सरकारी क्वार्टर में साथ रखा था. उसके बाद उनका ट्रांसफर उज्जैन हो गया तो युवती को टाउनशिप में घर दिलवाया था.

IAS गिरफ्तार: विवादों से रहा है संतोष वर्मा का गहरा नाता, कभी फर्जी दस्तावेज तो कभी लिव इन पार्टनर का मामला

आईएएस संतोष वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने पदोन्नति के लिए कोर्ट के नाम से कूटरचित दस्तावेज तैयार किए, जब इस मामले की जांच हुई तो इन दस्तावेजों की पोल खुल गई, जो दस्तावेज संतोष वर्मा ने पेश किए थे वो कोर्ट से निकलवाने की प्रक्रिया काफी लंबी है. कई तरह के विभागों से होते हुए दस्तावेज मिलते हैं. आईएएस ने फर्जी तरीके से दस्तावेज बनाएं, उससे कोर्ट के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. पुलिस उस कड़ी का पता लगाने में जुटी हुई है, जो इसमें मददगार थे.

दस्तावेजों पर कोर्ट के सील और साइन

पुलिस को एडीपीओ सहित कोर्ट से जुड़े अन्य अधिकारियों पर शक है, संतोष वर्मा ने पदोन्नति के लिए डीपीआर में जो दस्तावेज लगाए थे, उन पर कोर्ट से संबंधित सील और साइन मौजूद है. ऐसे में पुलिस को शक है कि कोर्ट से संबंधित अधिकारियों की संलिप्तता है. हाई प्रोफाइल मामला होने से पुलिस काफी सतर्कता भी बरत रही है.

पदोन्नति के दस्तावेजों की होगी जांच

जिस तरह आईएएस अधिकारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर पदोन्नति पाई थी, ऐसे में संतोष वर्मा की पहली पदोन्नति पर भी शक गहरा रहा है. पुलिस अब संतोष वर्मा की पुरानी पदोन्नति के दस्तावेजों की भी जांच कर सकती है. संतोष वर्मा जिस पद पर पदस्थ हुए थे, वहां से धीरे-धीरे अन्य पदों पर होते हुए प्रतिनियुक्ति तक पहुंचे थे.

आम कैदियों की तरह हवालात में बीती रात

देर रात जब आईएएस को एमजी रोड पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो उसके कई परिजन भी थाने पर पहुंचे थे, ताकि रात में IAS को सोने के लिए बेहतर जगह मिल सके, पर थाना प्रभारी ने आईएएस को आम कैदियों की तरह हवालात में बंद कर दिया. पूरी रात IAS संतोष वर्मा को आम कैदियों की तरह हवालात में रहना पड़ा.

Last Updated : Jul 14, 2021, 1:00 PM IST

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