भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे कई नेताओं ने अब अपनी अलग राह खोजना शुरु कर दी है. ये नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना रोल मॉडल मानते हुए बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी ने राज्यसभा सांसद बनाकर तोहफा दिया, वहीं उनके समर्थकों को भी प्रदेश सरकार में मंत्री पद से नवाजा है. सिंधिया के बाद उत्तरप्रदेश से जितिन प्रसाद के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामने से युवा कांग्रेसी नेताओं को नई राह भी दिखाई दे रही है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश और राजस्थान से कई नेता हाथ का साथ छोड़, बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.
बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार अजय बोकिल का कहना है कि कांग्रेस में आंतरिक नियंत्रण नहीं है. शीर्ष नेतृत्व की कमजोरी के कारण वे लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, जिनको पार्टी में अपना भविष्य नजर नहीं आता है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार जो लोग पार्टी छोड़ रहे हैं वे राहुल गांधी के करीबी है, इससे साफ पता चलता है कि कांग्रेस के भीतर आंतरिक लड़ाई चल रही है. वरिष्ठ पत्रकार बोकिल के अनुसार इतिहास पर नजर डालें तो मध्य प्रदेश में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आने वालों का भविष्य अच्छा नहीं रहा है, लेकिन अब बीजेपी बदल रही है. पत्रकार अजय बोकिल के अनुसार कुछ बीजेपी 'कांग्रेस' हो रही है, और कुछ कांग्रेस 'बीजेपी' हो रही है. पत्रकार बोकिल के अनुसार इन हालातों में बीजेपी को खास ध्यान रखने की जरुरत है, क्योंकि उधार के सिंदूर से कब तक मांग भरी जा सकती है.
कांग्रेस में चल रही है अस्तित्व की लड़ाई
मध्य प्रदेश कांग्रेस में अभी भी कई युवा नेता अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. इसमें पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव से लेकर तमाम नाम शामिल हैं जो पिछले कुछ सालों में साइड लाइन कर दिए गए. एक समय तो राजनीतिक गलियारों में अरुण यादव के कांग्रेस छोड़ने की खबरें आने लगी थी. सिर्फ अरुण यादव ही नहीं कांग्रेस से आए दिन कई बड़े नेताओं के असंतुष्ट होने की खबरें आती रहती है.
सिंधिया के दौरे में राजनीति से ज्यादा उनके खानपान की रही चर्चा
बगावत का पुराना इतिहास
मध्य प्रदेश के इतिहास में साल 1967 में गोविंद नारायण सिंह पहली गैर कांग्रेसी सरकार के मुख्यमंत्री बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया का दादी यानी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ी और फिर गोविंद नारायण सिंह को समर्थन देकर कांग्रेस की सरकार गिराई थी. साल 2020 में राजमाता के पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इतिहास को दोहराया और अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए.