भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते दो दिनों में हुई बारिश के बाद अचानक राज्य के हालात बदल गए हैं. जहां एक ओर बारिश से पहले सूबे के कई हिस्सों में सूखा पड़ने का खतरा मंडरा रहा था, तो वहीं अब क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों के कई इलाकों में पानी भर गया है. नदियां उफान पर बह रही हैं, बस्तियां जलमग्न हैं. इसके बावजूद राज्य में 14 ऐसे जिले हैं जहां औसत से कम बारिश दर्ज हुई. राज्य में मानसून की बेरुखी से बीता एक पखबाड़ा मुसीबतों वाला रहा, क्योंकि बारिश पर लगभग विराम सा लग गया था, मगर शुक्रवार और शनिवार को हुई बारिश ने राज्य में सूखा के बढ़ते हालात को रोकने का काम किया.
राज्य के 52 में से 51 जिलों के उपलब्ध ब्योरे के मुताबिक, सात जिले ऐसे हैं जहां औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है. 30 जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई है और 14 जिले ऐसे हैं, जहां औसत से कम बारिश हुई है.
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि रतलाम, नीमच, उमरिया, मंदसौर, झाबुआ, भिण्ड और इंदौर में औसत से ज्यादा बारिश हो चुकी है, वहीं दतिया, श्योपुरकलां, मुरैना, दमोह, उज्जैन, ग्वालियर, बड़वानी, बुरहानपुर, शिवपुरी, खंडवा, अशोकनगर, सिंगरौली, जबलपुर, धार, नरसिंहपुर, शाजापुर, डिंडौरी, रीवा, रायसेन, मंडला, सीहोर, टीकमगढ़, भोपाल, कटनी, देवास, राजगढ़, अलीराजपुर, सतना, खरगोन और सागर में सामान्य बारिश हुई.