भोपाल।एक तरफ पौधों को संरक्षित करने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोजाना पौधा लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ राजधानी भोपाल में स्मार्ट सिटी को बनाने के नाम पर हजारों पेड़ों की बलि चढ़ा दी गई. मध्यप्रदेश के दो महानगर भोपाल और इंदौर के पेड़ कटाई के आंकड़ों में जमीन आसमान का अंतर है. इंदौर देश के स्वच्छ शहरों में नंबर वन है तो वहीं, पर्यावरण संरक्षण को लेकर भी इंदौर नगर निगम गंभीर है. इंदौर स्मार्ट सिटी ने पिछले तीन साल में सिर्फ 94 पेड़ ही काटे हैं. इसके उलट भोपाल में नगर निगम ने 8754 पेड़ काट डाले.
भोपाल में पेड़ों के मेंटेनेंस हर साल 70 लाख खर्च :भोपाल नगर निगम हर साल पेड़ों के मेंटेनेंस के लिए करीब 70 लाख रुपए खर्च करता है. वहीं, इंदौर में पेड़ तो काटे गए लेकिन उनके एवज में लगाए गए पौधों के संरक्षण के लिए फिलहाल कोई राशि नहीं ली गई. ये जवाब विधानसभा में जीतू पटवारी के सवाल पर पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग ने दिया है. बता दें कि एक तरफ सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश में रोज हजारों पौधे लगाए जा रहे हैं, लेकिन भोपाल स्मार्ट सिटी में हजारों पेड़ काटे गए. भोपाल में डेवलपमेंट के नाम पर पेड़ों की जमकर कटाई हो रही है. जिंसी स्लाटर हाउस के बगल में स्टड फार्म की जमीन पर मेट्रो स्टेशन और डिपो बनाने के लिए एक हजार से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया. सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत भी की. लेकिन अधिकारियों के मुताबिक डेवलपमेंट के चलते पेड़ों को काटना पड़ रहा है.