भोपाल। मध्य प्रदेश का हाथकरघा और हस्तशिल्प संचालनालय एंपोरियम के जरिए अपनी आय बढ़ाने के लिए लगातार कोशिशें कर रहा है. ऐसे में अब जल्द ही मृगनयनी एंपोरियम पर बिक्री के लिए ऐसी साड़ियों को प्रदर्शित किया जाएगा, जिस पर यूनेस्को (UNESCO) द्वारा संरक्षित भोपाल की भीमबेटका के रॉक पेंटिंग की आकर्षक झलक होगी. हाथकरघा और हस्तशिल्प संचालनालय ने टेक्सटाइल एक्सपर्ट से खासतौर पर इस डिजाइन को तैयार कराया है.
विष्णु श्रीधर वाकणकर की स्मृति को समर्पित हैं साड़ियां
इन साड़ियों पर हेरिटेज साइट भीमबेटका की रॉक पेंटिंग दिखाई देगी. यह खास डिजाइन टैक्सटाइल एक्सपर्ट के जरिए तैयार कराई गई है. संचालनालय की आयुक्त राजीव शर्मा के मुताबिक जल्द ही इन नई डिजाइन की साड़ियों को मार्केट में लॉन्च किया जाएगा. उन्हें उम्मीद है कि महिलाओं को यह साड़ियां खूब पसंद आएंगी. इन साड़ियों के कलेक्शन को हमने महान पुरातत्वविद स्वर्गीय विष्णु श्रीधर वाकणकर की स्मृति को समर्पित किया है.
कोरोना संक्रमण के दौर में कई प्रयोग कर रहा संचालनालय
कोरोना संक्रमण के चलते बाजार में आई मंदी को देखते हुए मृगनयनी एंपोरियम की आय को लगातार बनाए रखने के लिए संचालनालय लगातार कई प्रयोग कर रहा है. कोरोना संक्रमण के दौर में मृगनयनी एंपोरियम ने हथकरघा कारीगरों से तरह-तरह की डिजाइन के मास्क तैयार कराए हैं, जिन्हें अलग-अलग सरकारी कार्यालयों और स्थानों पर स्टॉल लगाकर बेचा गया. पिछले तीन महीने में ऐसे करीब 10 लाख से ज्यादा मास्क बेचे गए हैं. जानकारी के मुताबिक संचालनालय कई डिजाइन के गमछे भी तैयार करा रहा है.
ये भी पढ़ें-MP हैंडलूम ने बनाई इम्युनिटी बूस्टर साड़ी, विशेष प्रकार के मसालों से होती है तैयार
क्या है भीमबेटका
भोपाल से 40 किलोमीटर से दूर रायसेन जिले में भीमबेटका की गुफाओं में हजारों साल पुराने चलचित्र मौजूद हैं. यह शैल चित्र करीब 30 हजार साल पुराने माने जाते हैं. साल 2003 में इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया था. भीमबेटका पाषाण आश्रय स्थल एक आर्कलॉजिकल साइट पाषाण काल और भारतीय उपमहाद्वीप में प्राचीन जीवन दृष्टि को दर्शाने वाली जगह है. ऐसा माना जाता है कि यह स्थान महाभारत कालीन भीम से संबंधित है और इसलिए इसका नाम भीमबेटका दिया गया है.