भोपाल। हिंदू ग्रंथों के अनुसार गंगा दशहरा पवित्र नदियों में स्नान और दान का पर्व है. कहा जाता है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में गंगाजी का स्वर्ग से धरती पर आगमन (ganga dussehra) हुआ था। ऐसे में इस दिन पतित पावनी मां Ganga के आगमन को सनातन समाज में गंगा दशहरा (maa ganga ki puja) के रूप में मनाया जाता है. वाल्मिकी रामायण, स्कंदपुराण सहित कई ग्रंथों में गंगा अवतरण (Ganga descent) की कथा आती है. जिनके अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी के दिन महाराज भागीरथ के कठोर तप से प्रसन्न होकर स्वर्ग से गंगा जी पृथ्वी पर आईं थी.
ऐसे में इस साल यानि 2021 में ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि (Ganga Dussehra 2021 date) यानि गंगा दशहरा 20 जून (ganga dussehra kab ka hai) को मनाया जाएगा.
गंगा दशहरा (ganga dussehra 2021 date ) के शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि शुरु: शनिवार, 19 जून 2021 : शाम 06:50 बजे से दशमी तिथि समाप्त
रविवार, 20 जून 2021 : शाम 04:25 बजे तक
पापमोचनी, स्वर्ग की नसैनी गंगाजी का स्नान (Ganga snan) व पूजन हिंदू धर्म में विशेष पुण्यदायक माना गया है. ऐसे में हर अमावस्या और अन्य पर्वों पर भक्त दूर-दूर से आकर गंगाजी (ganga dussehra) में स्नान करते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार यह दिन संवत्सर का मुख माना जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान करके दूध, बताशा, जल, रोली, नारियल, धूप, दीप से पूजन करके दान देना चाहिए. मान्यता के अनुसार इस दिन गंगा, शिव,ब्रह्मा, सूर्य, भागीथी और हिमाल की प्रतिमा बनाकर पूजन (maa ganga ki puja) करने से विशेष फल मिलता है।
दस प्रकार के पापों से छुटकारा
इस दिन गंगा जी में स्नान, अन्न-वस्त्रादि का दान, जप-तप, उपासना और उपवास किया जाता है. मान्यता के अनुसार इससे दस प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार यदि इस दिन ज्येष्ठ, शुक्ल,दशमी बुध, हस्त, व्यतिपात,गर, आनंद, वृषभस्थ सूर्य और कन्या का चंद्र हो तो एक विशेष योग (ganga dussehra) का निर्माण होता है, जिसे महाफलदायक माना गया है. वहीं यदि ज्येष्ठा अधिकमास हो तो स्नान,दान,तप व्रतादि करने से ही अधिक फल की प्राप्ति होती है.
ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को सोमवार और हस्त नक्षत्र होने पर यह तिथि घोर पापों को तक नष्ट करने वाली मानी गई है. वहीं गंगावतरण का दिन हस्त नक्षत्र में बुधवार को बताया गया है ऐसे में यह तिथि अधिक महत्वपूर्ण मानी गई है.
हिंदू धर्म ग्रंथों में गंगा जी की अत्यधिक मान्यता (ganga dussehra kyu manaya jata hai) है, वहीं इसे परम पवित्र लोकपावनी नदी माना गया है. ऐसे में इस दिन लाखों लोग दूर-दूर से आकर गंगा जी की पवित्र जलधारा में जगह-जगह स्नान करते हैं. जिसके चलते इस दिन गंगाजी के कई तटों और घाटों पर बड़े-बड़े मेले लगते हैं. वहीं इस दिन कई अन्य पवित्र नदियों में भी लोग स्नान करते हैं.
न कर पाएं गंगा स्नान तो ये जरूर करें
ज्येष्ठा शुक्ल दशमी के दिन गंगाजी में स्नान सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन इसके अलावा अन्य पवित्र नदियों में भी स्नान उत्तम माना गया है. लेकिन यदि ये भी संभव न हो तो घर पर ही गंगाजल को सामने रखकर गंगाजी की पूजा-आराधना की जा सकती है. माना जाता है कि इस दिन जप-तप, दान ,व्रत,उपवास और गंगा पूजन करने से सभी प्रकार के पाप जड़ से खत्म हो जाते हैं.
गंगा दशहरा के उपाय
- इस दिन अनेक घरों में दरवाजे पर पांच पत्थर रखकर पांच पीर पूजे जाते हैं
- परिवार के प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से सवा सेर चूरमा बनाकर साधुओं, ब्राह्मणों व गरीबों में बांटने का रिवाज है.
- इस दिन ब्राह्मणों को काफी मात्रा में अनाज दान दिया जाता है.
- इस दिन आम खाने और आम दान करने का भी विशेष महत्व माना गया है.