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जवाब दो सरकार! कमलनाथ की 62 चिट्ठियां में से सीएम शिवराज ने सिर्फ 12 के दिए जवाब, सबसे ज्यादा पत्र कोरोना को लेकर भेजे

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Published : Aug 6, 2021, 12:37 PM IST

सीएम शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अब तक 62 पत्र लिख चुके हैं. जिनमें से अभी तक 12 चिट्ठियों के ही जवाब मिले हैं. वहीं सबसे ज्यादा 15 पत्र कोरोना की दूसरी लहर को लेकर लिखे गए.

shivraj and kamalnath
शिवराज और कमलनाथ

भोपाल। यदि कोई किसी को चिट्ठी लिखता है, तो उसे चिट्ठी के जवाब का इंतजार रहता है. मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी इस तरह अपनी चिट्ठियों जवाब आने का इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस की सरकार जाने के बाद से कमलनाथ सीएम शिवराज सिंह चौहान को लगातार चिट्ठियां लिखकर जनहित के मुद्दे उठाते रहे हैं, लेकिन इनमें से कुछ का ही जवाब आया है.

रोजगार को लेकर लिखा गया पत्र.

सीएम शिवराज को लिखे 62 पत्र
कमलनाथ अपनी सरकार जाने के बाद अब तक 62 पत्र सीएम शिवराज सिंह चौहान को लिख चुके हैं. इनमें 15 से अधिक पत्र तो केवल कोरोना की दूसरी लहर के बाद कमलनाथ ने सीएम को लिखे हैं. इन पत्रों में केवल एक दर्जन पत्रों का ही जवाब आया है. बाकी पत्रों को सीएम के जवाब का इंतजार है.

शासकीय कर्मचारियों के भत्तो को लेकर लिखा गया पत्र.

न जवाब मिला, न कोई निर्णय हुआ
कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा का कहना है कि कोरोना काल के दौरान जनहित के मुद्दों को लेकर पीसीसी चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को कई पत्र लिखे, लेकिन अब तक न इन पत्रों का कोई जवाब मिला है और न हीं कोई निर्णय़ हुआ है. सलूजा ने कहा कि युवाओं, महिलाओं, सरकारी कर्मचारियों के साथ ही अन्य जनहित के मुद्दों को लेकर कमलनाथ ने पत्र लिखे, लेकिन अफसोस की बात ये है कि सरकार ने एक भी जनहित के मुद्दे पर कोई निर्णय नहीं लिया है.

एक जुलाई को कोरोना को लेकर कमलनाथ ने लिखा पत्र.

लाखा बंजारा झील की सफाई में भ्रष्टाचार, कमलनाथ ने सीएम को लिखा पत्र

कोरोना की दूसरी लहर के बाद कमलनाथ ने सीएम को लिखी ये चिट्ठियां

दिनांक विषय
6 अप्रैल 2021 एमपी में कोरोना की भयावह स्थिति, वैक्सीनेशन के लिए उम्र का बंधन का समाप्त करने की मांग.
30 अप्रैल कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना के प्रावधानों के तहत मीडिया के साथियों को मान्यता देने की मांग.
21 मई कोरोना से हुई मौत को आपदा माना जाए, परिजनों को 4-4लाख रुपए की मदद दे सरकार.
29 जून बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि वापस लेने की मांग .
1 जुलाई सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के परिवारजनों को निःशुल्क इलाज के लिए मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना लागू करने की मांग.
1 जुलाई देवास के नेमावर में जनजाति परिवार हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग.
1 जुलाई कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में वृद्धि नहीं करने की मांग.
6 जुलाई युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए सरकारी सेवा में भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में 2 वर्ष की छूट प्रदान करने की मांग.
7 जुलाई अनुसूचित जाति वित्त-विकास निगम को बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार करे सरकार.
12 जुलाई केंद्र के तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए विधानसभा में शासकीय संकल्प पेश करे सरकार.
13 जुलाई गोविंदपुरा इंडस्ट्रीयल क्षेत्र में जमीन आवंटन को लेकर उठे विरोध पर पत्र.
17 जुलाई परिवहन क्षेत्र की सेवा से जुडे़ परिवारों के लिए राहत की मांग.
20 जुलाई सरकारी कर्मचारियों को 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता और देय 2 वार्षिक वेतनवृद्धि का वास्तविक लाभ देने की मांग.
20 जुलाई तीसरी लहर से बचने ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित प्रबंध किए जाने को लेकर लिखा पत्र.
29 जुलाई मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की प्रक्रिया फिर से शुरू करने की मांग.

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