भोपाल । एफएमसीजी कंपनियों ने महंगाई के इस दौर में रेट न बढ़ाकर अपने उत्पादों का वजन कम कर दिया है. चिप्स, बिस्किट, नमकीन, मैगी आदि के पैकेट का वजन घटाकर उसी रेट में दिया जा रहा है. कच्चे माल की कीमतों में उछाल के बाद बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए कंपनियों ने यह तरीका निकाला है.
इस तरह घटाया गया उत्पादों का वजन :राजधानी भोपाल के किराना व्यापारी विवेक साहू का कहना है कि कंपनियों ने ग्राहकों पर महंगाई का असर ना पड़े, इसको लेकर उत्पादों के वजन कम कर दिए हैं . Parle-G का बिस्किट जिसकी कीमत ₹5है ,पहले इसका वजन 64 ग्राम था, अब यह 55 ग्राम हो गया है. वहीं ₹10 की कीमत वाला कोलगेट का टूथपेस्ट पहले 25 ग्राम का था, अब 18 ग्राम में मिल रहा है. कैडबरी चॉकलेट जो ₹100 कीमत की है, उसका वजन पहले 150 ग्राम था ,वह 100 ग्राम हो गया है. ₹10 में मिलने वाला नमकीन का पैकेट का वजन पहले 80 ग्राम था, अब घटकर 40 ग्राम पहुंच गया है.
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व्यापारियों ने जताई नाराजगी :कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के सदस्य रमाकांत तिवारी का कहना है कि कंपनियों द्वारा उत्पादों के वजन घटाए जाने से ग्राहकों को उसी कीमत में कम मात्रा का उत्पाद मिल रहा है, जो कि ग्राहकों के साथ धोखा है. नाप तौल विभाग को कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. महंगाई नहीं बढ़ रही बस वजन कम हो रहा है. बाजार से मिली जानकारी के मुताबिक पारले जी बिस्किट, बीकाजी नमकीन ,कॉलगेट टूथपेस्ट जैसे ऐसे कई उत्पाद हैं जिनकी कीमतें भी नहीं बढ़ीं, लेकिन फिर भी यह महंगे हो गए हैं. इन उत्पादों के वजन में कटौती की गई है. जाकारों का कहना है कि एफएमसीजी कंपनियां कीमत बढ़ाने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि बाजार में अभी भी उठाव नहीं है. (Effect of inflation) (Rates stable but reduce weight) (companies reduce the weight of products)