भोपाल। कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के साथ ही मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच दोबारा शुरू की गई है. जिसमें एसटीएफ अब तक पीएमटी परीक्षा को लेकर कुल 13 FIR दर्ज की जा चुकी है, लेकिन अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. हालांकि एसटीएफ की टीम ने इन आरोपियों के ठिकानों की पुख्ता जानकारी जुटा ली है.
चौंकाने वाली बात तो ये है कि, इनमें से कुछ डॉक्टर्स शासकीय अस्पतालों में सेवाएं दे रहे हैं. जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है. ये सभी FIR उन अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज की गई है, जिन्होंने अपनी जगह किसी और को परीक्षा में बैठाकर पीएमटी की परीक्षा पास की है.
व्यापंम घोटाले की जांच में 13 अभ्यर्थियों के खिलाफ FIR दर्ज यहां पदस्थ हैं आरोपी डॉक्टर्स
- सीमा पटेल- पीएमटी परीक्षा साल 2004 में पास की, शासकीय मेडिकल कॉलेज दमोह में पदस्थ है.
- विकास अग्रवाल- पीएमटी परीक्षा साल 2005 में पास की, ग्वालियर के निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
- सीताराम शर्मा- पीएमटी परीक्षा साल 2009 में पास की, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणपुरा मुरैना में पदस्थ हैं.
- दिवशीष विश्वास- पीएमटी परीक्षा साल 2007 में पास की, सागर के निजी अस्पताल में फिजीशियन हैं.
- सौरभ सचान, पीएमटी परीक्षा साल 2009 में पास की, दिल्ली के निजी अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
- बेनजीर फारूखी- पीएमटी परीक्षा साल 2009 में पास की, रीवा चिकित्सालय में पदस्थ हैं.
- विपिन कुमार सिंह पीएमटी परीक्षा 2010 में पास की, इन्हें लेकर जानकारी जुटाई जा रही है.
फोटो मिसमैच के मामलों में आरोपी
- पल्लव अमृत फाले- पीएमटी परीक्षा साल 2009 में पास की, शासकीय मेडिकल कॉलेज बैतूल में पदस्थ हैं.
- हितेश अलावा- पीएमटी परीक्षा साल 2009 में पास की, ग्वालियर में पीजी की तैयारी कर रहे हैं.
- बृजेंद्र रावत- पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 में पास की, नीमच के कोतवाली थाने में पदस्थ हैं.
पुलिस अधिकारियों का दावा है कि, जल्द ही इन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जाएगी और जालसाजी में इनकी मदद करने वालों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा कर उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.